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....इसलिेए शत्रुघ्न सिन्‍हा ने उछाला CM के लिए पासवान का नाम

डालते हैं नजर उन पांच संभावित वजहों पर जिनके कारण शत्रुघ्न सिन्हा ने रामविलास पासवान का नाम उछाला

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फ़िल्मी दुनिया से आने वाले बिहारी बाबू यानी शत्रुघ्न सिन्हा पटना साहिब से भाजपा सांसद हैं और बिहार में पार्टी का बड़ा चेहरा. बिहार चुनाव से ऐन पहले शत्रुघ्न सिन्हा ने एनडीए के सहयोगी लोजपा के प्रमुख रामविलास पासवान को बिहार के CM पद का सबसे योग्य उम्मीदवार बता डाला है. आइए डालते हैं नजर उन पांच संभावित वजहों पर जिनके कारण शत्रुघ्न सिन्हा ने रामविलास पासवान का नाम उछाला:-

1. जातिगत समीकरण
बिहार विधान परिषद चुनावों में जीत से उत्साहित भाजपा जातिगत समीकरणों को साध कर विधानसभा चुनाव में उतरना चाहती है. सबसे ज्यादा ज़ोर 29 फीसदी अति पिछड़ी जाति यानी ईबीसी मतदाताओं पर है जो कि लालू-नीतीश के सबसे मजबूत आधार रहे हैं. भाजपा की रणनीति पासवान को आगे कर विपक्ष के इसी आधार को ध्वस्त करने की है.

2. पार्टी का चेहरा
बिहार में राज्य स्तर पर भाजपा के पास सुशील मोदी के अलावा कोई बड़ा चेहरा नहीं है और सुशील मोदी सभी वर्गों में स्वीकार्य नहीं लग रहे हैं. ऐसे में भाजपा सहयोगी दलों में से किसी नेता पर भी दांव खेल सकती है. इस स्थिति में रामविलास पासवान से बेहतर विकल्प उसके पास शायद ही कोई और हो.

3. लालू-नीतीश को चुनौती
नीतीश-लालू-कांग्रेस और वामदलों के महागठबंधन के जरिये पिछड़ों की राजनीति करने की कोशिश में हैं. ऐसे में एनडीए की ओर से रामविलास को आगे किया जाना भाजपा की अगड़े व पिछड़ों को एकजुट करने की बड़ी रणनीति का हिस्सा हो सकता है.

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4. तुरुप का पत्ता
अति पिछड़ा यानी दलित वर्ग से आने वाले रामविलास पासवान एनडीए के लिए तुरुप का पत्ता साबित हो सकते हैं. रामकृपाल यादव को अपने पाले में ला चुकी भाजपा को लालू यादव के फ्रंट पर नहीं रहने का फायदा हो सकता है. ऐसे में रामविलास दलित वोटों की गारंटी बन सकते हैं.

5. जीतनराम मांझी पर लगाम
शत्रुघ्न सिन्हा का यह बयान एनडीए से जुड़ चुके जीतनराम मांझी के सामने पासवान को बड़े दलित नेता के रूप में पेश करने की पार्टी की रणनीति का हिस्सा भी हो सकती है. पिछले कुछ समय से मांझी दलित वोटों के अपने पक्ष में होने का दावा करते रहे हैं.

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