राज्यसभा में शुक्रवार को विधि-विरुद्ध क्रियाकलाप (निवारण) (UAPA) संशोधन विधेयक पर तीखी बहस हुई. चर्चा के दौरान पक्ष और विपक्ष के बीच सवाल-जवाब का सिलसिला चला और अंत में ये बिल पास भी हो गया. कांग्रेस की ओर से पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने सदन में अपनी बात कही. चिदंबरम ने कहा कि अब सरकार किसी को भी आतंकी बता देगी, आप हाफिज सईद और गौतम नवलखा की तुलना ना करें.
पूर्व मंत्री ने कहा कि देशद्रोह अलग है और UAPA बिल अलग, ऐसे में अगर कोई एक्टिविस्ट कोई मुद्दा उठाएगा तो आप उस पर केस कर देंगे. ये संविधान के खिलाफ है. बता दें कि गौतम नवलखा को भीमा-कोरेगांव मामले में गिरफ्तार किया गया था.
P Chidambaram in Rajya Sabha: In 2008 when I took over as Home Minister, I said anti-terrorism will stand on three legs- one is NIA, one is NATGRID and one is NCTC. We have only one leg today, what have you done about NATGRID and NCTC? Why are they in limbo? https://t.co/9R85xdB8Vb
— ANI (@ANI) August 2, 2019
उन्होंने कहा कि सबसे बड़ा संशोधन 2008 और 2013 में किया गया था और तब मेरी ओर से भी एक संशोधन था. चिदंबरम ने कहा कि यूपीए सरकार ने इस कानून बनाया और समय-समय पर इसे संशोधित भी किया. इसलिए कोई भी यूपीए पर आतंकवाद की नरमी का आरोप ना लगाए, हमारी सरकार ने ही आतंकवाद के खिलाफ कड़ा कानून बनाया था.
पी. चिदंबरम ने सवाल किया कि इस संशोधन से पहले भी व्यक्ति को सजा देने का प्रावधान कानून में था, उसे ठीक से पढ़िए. संगठन के साथ सदस्य को भी सजा देने का प्रावधान बिल में पहले से ही तो आप संशोधन क्यों लेकर आ रहे हैं.
पूर्व मंत्री ने बिल पर चर्चा के दौरान कहा कि यह प्रावधान असंवैधानिक है और अगर आप इसे अभी वापस नहीं लेंगे तो कुछ दूर पर खड़ी एक इमारत में इसे चुनौती मिलेगी और तब आपको इसे हटाना पड़ेगा. सरकार को स्वीकार करना चाहिए कि यह प्रावधान संविधान के खिलाफ है और वापस लेना चाहिए.
कांग्रेस नेता ने सरकार से अपील करते हुए कहा कि कम से कम इसके लिए लीगल एक्सपर्ट की राय ले लीजिए या फिर इसे सेलेक्ट कमेटी के पास भेज दीजिए. हम जानकर कोई गलती नहीं कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि यह आप किसी व्यक्ति से उसके जीने की आजादी छीन रहे है जिसे देश की कोई भी अदालत स्वीकार नहीं करेगी.