scorecardresearch
 

राज्यसभा उपसभापति चुनाव में सियासी घमासान, जानिए 10 अहम बातें

राज्यसभा के उपसभापति के चुनाव की सियासी जंग शुरू हो गई है. आंकड़ों के हिसाब से एनडीए का पलड़ा भारी लग रहा है. इसके बहाने सरकार के पास अपनी ताकत दिखाने का मौका है, तो विपक्ष के पास एकजुटता दिखाने का.

Advertisement
X
राज्यसभा उपसभा‍पति के चुनाव के लिए सियासी घमासान
राज्यसभा उपसभा‍पति के चुनाव के लिए सियासी घमासान

राज्यसभा के उपसभापति के चुनाव को आमतौर पर ज्यादा चर्चा नहीं मिलती. लेकिन इस बार राज्यसभा में अंकों के गणित और लोकसभा चुनाव करीब होने के नाते इसके लिए सियासी जंग काफी महत्वपूर्ण हो गई है. इसके बहाने सरकार के पास अपनी ताकत दिखाने का मौका है, तो विपक्ष के पास अविश्वास प्रस्ताव के बाद मोदी सरकार के खिलाफ अपनी एकता दिखाने का. आइए जानते हैं राज्यसभा उपसभापति चुनाव से जुड़ी दस बड़ी बातें...

1. एनडीए ने जनता दल (यू) के सांसद हरिवंश नारायण सिंह को राज्यसभा के उपसभापति पद के लिए अपना उम्मीदवार बनाया है, जबकि कांग्रेस सांसद बी.के. हरिप्रसाद इस पद के लिए विपक्ष के उम्मीदवार है. हरिवंश सिंह एक हिंदी दैनिक के संपादक रहे हैं और 2014 में पहली बार राज्यसभा के सदस्य बने हैं. दूसरी तरफ, बी.के. हरिप्रसाद कांग्रेस से तीसरी बार सांसद हैं.

Advertisement

2. राज्यसभा में कुल सांसदों की संख्या 245 है. सभापति को अलग रखें तो यह संख्या 244 होती है. किसी भी कैंडिडेट को जीत के लिए 123 वोट चाहिए.

3. 73 सांसदों के साथ बीजेपी राज्यसभा में सबसे बड़ी पार्टी है. उसके बाद कांग्रेस के 50 सांसद हैं. दोनों पार्टियों को जीत के लिए गठबंधन के साथियों या अन्य दलों के सपोर्ट की जरूरत होगी.  

4. बीजेपी के लिए राहत की बात यह है कि शिवसेना सहित उसके सभी सहयोगी दल एनडीए कैंडिडेट को जिताने के लिए राजी हो गए हैं.

5. कांग्रेस को तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल, वामदलों सहित अन्य विपक्षी दलों का समर्थन हासिल है.

6. एनडीए कैंडिडेट का पलड़ा भारी लग रहा है, क्योंकि उसे AIADMK के 13, तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के 6,  वाईएसआर कांग्रेस के 2, और INLD के एक सदस्य का समर्थन मिलने की उम्मीद है.

7. 9 सांसदों वाले बीजेडी ने एनडीए कैंडिडेट को अपना समर्थन देने की घोषणा की है. इसी तरह 13 सांसदों वाले AIADMK के भी एनडीए उम्मीदवार को समर्थन करने की उम्मीद की जा रही है, क्योंकि हाल में अविश्वास प्रस्ताव के दौरान उसने वॉक आउट कर अप्रत्यक्ष तरीके से बीजेपी की मदद की थी.

8. इस तरह इस चुनाव में तेलंगाना राष्ट्र समिति (6 सांसद), तेलुगू देशम पार्टी (6 सांसद), निर्दलियों (6 सांसद) और अन्य  छोटे दलों की भूमिका महत्वपूर्ण हो गई है.

Advertisement

9. विपक्ष इस चुनाव में जीता तो लोकसभा चुनाव से पहले यह उसके नैतिक बल को मजबूत करने वाली बात होगी. हालांकि इसकी संभावना कम लग रही है.

10. इसी तरह यदि बीजेपी, एनडीए कैंडिडेट को जिताने में सफल होती है तो वह 'विपक्षी एकता' की हवा निकालने में कामयाब हो जाएगी.

Advertisement
Advertisement