बिहार के मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार से पीड़ितों की मौत का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. इस बीच भाजपा नेता राजीव प्रताप रूडी ने लोकसभा में चमकी बुखार का मामला उठाया. उन्होंने कहा, यह फैलाया जा रहा है कि बच्चों ने लीची खाई, जिस वजह से उनकी मौत हो गई. इसके बाद अचानक लीची के निर्यात में गिरावट आ गई और लीचियां तटों पर पड़ी हैं.
उन्होंने कहा, हमें यह पता लगाना होगा कि क्या यह किसी साजिश का हिस्सा है. हमें इस बारे में विस्तृत जानकारी हासिल करनी होगी. रूडी का बयान ऐसे समय पर आया है, जब बिहार चमकी बुखार के कहर से जूझ रहा है. मुजफ्फरपुर के श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में लगातार बच्चों की मौत हो रही हैं. अकेले मुजफ्फरपुर में 122 बच्चों की मौत हो चुकी है. जबकि पूरे बिहार में आंकड़ा 140 तक पहुंच गया है.
मामले की गंभीरता को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने प्रभावितों जिलों में 8 एडवांस लाइफ सेविंग एंबुलेंस (एएलएस) तैनात करने के निर्देश दिए हैं. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत गंभीर रोगियों को लाने-ले जाने के लिए आठ एक्स्ट्रा एडवांस लाइफ सेविंग एंबुलेंस सेवा में तैनात की गई हैं. 10 चाइल्ड स्पेशलिस्ट्स और पांच पैरा-मेडिक्स की केंद्रीय टीमों को मरीजों के इलाज के लिए तैनात किया गया है और इन टीमों ने राज्य सरकार के साथ तालमेल करते हुए काम करना शुरू कर दिया है.
डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि जल्द से जल्द वायरोलॉजी लैब को चालू करने के लिए श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में आईसीएमआर स्पेशलिस्ट की एक टीम लगाई गई है. उन्होंने कहा कि पहले तैनात बहु-विषयी टीम 2019 में भर्ती और इलाज कराने वाले मरीजों के सभी मामलों के रिकॉर्ड की समीक्षा कर रही है. गौरतलब है कि अब चमकी बुखार मुजफ्फरपुर से भी बाहर पैर पसारने लगा है. पिछले 24 घंटों में बिहार के अन्य जिलों से चमकी बुखार के दो दर्जन से ज्यादा मौतों के मामले सामने आए हैं. स्वास्थ्य अधिकारियों के मुताबिक भागलपुर, पटना, बांका, सीतामढ़ी, पूर्वी चंपारण, समस्तीपुर और पश्चिमी चंपारण में बच्चों की मौत की खबर है.