रेल मंत्रालय उन सभी बड़े रेलवे प्रोजेक्ट जिनको पीएम मोदी ने पिछले महीने हुई एक बैठक में ठुकरा दिया था उनको दोबारा PM के सामने पुनर्विचार के लिए पेश करने पर विचार कर रहा है. रेलवे के एक उच्च अधिकारी ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि रेलवे बोर्ड 100 प्रतिशत विद्युतीकरण पर काम कर रहा है. इसके आधुनिकीकरण के लिए सिग्नलिंग सिस्टम बेहतरीन करने को 78 हजार करोड़ रुपए की योजना को पीएमओ पहले ही खारिज कर चुका है.
इस अधिकारी के मुताबिक, देश भर में डीजल इंजन के रूट कहीं-कहीं बाकी हैं, ऐसे में रेलवे सौ फ़ीसदी विद्युतीकरण की तरफ जा रहा है. इसके लिए अत्याधुनिक सिग्नलिंग सिस्टम की जरूरत है, जिससे की स्पीड बढ़ाई जा सके. इसके अलावा छत्रपति शिवाजी टर्मिनस को पहला ऐसा रेलवे स्टेशन बनाने का प्रस्ताव था जो म्यूजियम के तौर पर हो. इसको भी प्रधानमंत्री ने गैरजरूरी बताया था. रेलवे बोर्ड अत्याधुनिक सिग्नल सिस्टम और छत्रपति शिवाजी टर्मिनस को रेलवे स्टेशन के साथ-साथ म्यूजियम बनाने के अपने प्रस्ताव को फिर से नए तरीके से तैयार कर रहा है.
गौरतलब है कि 26 मार्च को रेलवे बोर्ड और रेल मंत्री पीयूष गोयल के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक उच्च स्तरीय बैठक में रेलवे के आधुनिकी करण प्रस्तावों पर विचार किया. इस बैठक में रेल मंत्री पीयूष गोयल ने 78 हजार करोड़ रुपए की लागत से रेलवे के सिग्नल सिस्टम को अत्याधुनिक बनाने के अपने प्रस्ताव को प्रधानमंत्री के सामने रखा. लेकिन रेलवे बोर्ड और इसके अधिकारी प्रधानमंत्री को इस बात का भरोसा नहीं दिला पाए कि इतने महंगे सिग्नलिंग सिस्टम से रेलवे को कितना फायदा होगा और आम आदमी को इसका क्या फायदा मिल पाएगा.
रेलवे बोर्ड के अधिकारियों के मुताबिक पूरे देश भर में सिग्नलिंग सिस्टम को अत्याधुनिक बनाए जाने की जरूरत है. देश में यूरोप जैसा सिग्नल सिस्टम लाने की जरूरत है. इससे सिग्नलिंग में ऑटोमेशन बढ़ सकेगा और इंसानी दखल कम से कम रह जाएगा. गौरतलब है यूरोप में हाई स्पीड के लिए सिग्नल सिस्टम पूरी तरीके से आटोमेटिक है. ऐसे सिस्टम को भारत में लाने के लिए कई यूरोपीय देशों ने प्रस्ताव दे रखे हैं.
इसी तरह से मुंबई में छत्रपति शिवाजी टर्मिनस को रेलवे स्टेशन के साथ-साथ पूरी तरह से म्यूजियम बनाए जाने के प्रस्ताव को भी फिर से तैयार किया जा रहा है. हालांकि इस प्रस्ताव का मुंबई की रेलवे यूनियन विरोध कर रही है. रेलवे बोर्ड के अधिकारी के मुताबिक मंत्रालय के उच्च अधिकारियों को नए प्रस्ताव को तैयार करने के लिए लगा दिया गया है. जल्द ही यह प्रस्ताव तैयार हो जाएगा उसके बाद प्रधानमंत्री के सामने इसको रखा जाएगा.