एक अप्रत्याशित घटनाक्रम के तहत रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने अपने पद से इस्तीफे की पेशकश कर दी है. रेलमंत्री ने पिछले पांच दिन में दो बड़े रेल हादसे की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपना पद छोड़ने की पेशकश की है.
हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रभु का इस्तीफा अभी स्वीकार नहीं किया गया है लेकिन अगर प्रभु अपने रुख पर अड़े रहते हैं तो रेल हादसों के बाद नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा देने वाले वे तीसरे रेलमंत्री होंगे.
इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री ने रेलमंत्री के पद पर रहते हुए ट्रेन दुर्घटना होने पर इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद नीतीश कुमार ने वर्ष 1999 में पश्चिम बंगाल के गैसाल में हुए ट्रेन हादसे के बाद इस्तीफा दिया था. गैसाल रेल हादसे में करीब 300 लोग मारे गये थे.
23 अगस्त 2017
उत्तर प्रदेश के औरैया जिले में बुधवार देर रात कैफियत एक्सप्रेस के 10 डिब्बे पटरी से उतर गए. आजमगढ़ से दिल्ली आ रही इस ट्रेन के हादसे के शिकार होने के कारण कम से कम 74 लोग घायल हो गए. यूपी में पिछले पांच दिनों के अंदर यह दूसरी बड़ी ट्रेन दुर्घटना है.
19 अगस्त 2017
उत्कल एक्सप्रेस मुजफ्फरनगर के खतौली के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी, जिसमें 24 लोगों की मौत हो गई जबकि तकरीबन 150 लोग जख्मी हो गए. इस हादसे में रेल अधिकारियों की बड़ी लापरवाही सामने आई थी. रेलमंत्री ने इस मामले में रेलवे के कई वरिष्ठ अधिकारियों पर कार्रवाई की.