रेलयात्रियों की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. राजधानी दिल्ली में पलवल-नई दिल्ली-गाजियाबाद लोकल ट्रेन पटरी से उतर गई. पलवल से आ रही मेमू (मेनलाइन इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट) ट्रेन के दूसरे डिब्बे का पहिया ओखला स्टेशन पर सुबह 9.45 बजे पटरी से उतर गया. इस पहिए के एक्सल में खराबी की संभावना बताई जा रही है. दिल्ली डिवीजन के डीआरएम आर एन सिंह के मुताबिक इस हादसे में किसी भी रेलयात्री को चोट नहीं आई है. उन्होंने बताया कि हादसे की क्या वजह रही है इसके लिए जांच के आदेश दे दिए गए.
रेल में सवार यात्रियों को ओखला स्टेशन पर उतार लिया गया और उन्हें दूसरी मेमू 24901 से गंतव्य के लिए रवाना किया गया. इस ट्रेन में रोजाना दिल्ली से गाजियाबाद आने-जाने वाले यात्री सफर करते हैं. लुकास जैक के सहारे गाड़ी के उक्त पहिए को वापस पटरी पर चढ़ाया गया और मेमू के इस रैक को जांच के लिए यार्ड भेजा गया है.
ओखला रेलवे स्टेशन पर मेमू ट्रेन के पटरी से उतरने के मामले में अगर नजर डालें तो ये साफ साफ नजर आ रहा है कि मैकेनिकल खराबी की वजह से ट्रेन का पहिया पटरी से उतरा है. कोई भी ट्रेन जब अपनी यात्रा पर निकलती है तो उसको यार्ड में भेजकर बाकायदा जांच की जाती है और उसी बाद पटरी पर चलाया जाता है. हादसे वाली जगह का मुआयना करने के बाद ये बात साफ तौर पर दिख रही है कि ओखला रेलवे स्टेशन पर पहुंचने से पहले पहिया पटरी से उतर गया था. तकरीबन 530 मीटर की रेलवे लाइन पर लोहे के पहिए की वजह से स्लीपर टूट गए हैं. ओखला स्टेशन पर रोकने के लिए मेमू ट्रेन की रफ्तार कम थी और शायद यहीं वजह है कि इस हादसे में कोई हताहत नहीं है. फर्ज कीजिए कि ये पहिया स्टेशन से काफी पहले पटरी से उतरा होता तो ट्रेन में सवार सैकड़ों यात्रियों के लिए ये हादसा भयानक हो सकता था.
रेलमंत्री पीयूष गोयल ने सेफ्टी के मामले में किसी भी तरह की कोताही न करने के आदेश दे रखे हैं और इस वजह से ट्रेनें काफी देरी से चल रही हैं. इन सबके बावजूद राजधानी दिल्ली में चलती ट्रेन से पहिए का अलग हो जाना सरसरी तौर पर रेलवे की लापरवाही मामला लगता है. राजधानी दिल्ली में पिछले दिनों रांची राजधानी पटरी से उतरी थी और इसमें किसी को भी चोट नहीं आई थी. इस ट्रेन के पटरी से उतरने की वजह वहां के ट्रैक के आउटडेटेट होने को पाया गया था.
इस घटना के बाद नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर लकड़ी के सभी स्लीपर बदल कर ट्रेक को दुरुस्त कर दिया गया. रेलवे में लापरवाही के चलते खतौली रेल हादसे में 23 लोग मारे गए थे. हाल ही में चित्रकूट के पास वास्को डी गामा एक्सप्रेस पटरी से उतर गई और उसमें तीन लोगों की मौत हो गई. बार-बार हो रहे हादसों के बीच ऐसा लगता है कि रेलवे की यात्रा पीयूष गोयल के रेलमंत्री बनने के बाद भी प्रभू के भरोसे ही चल रही है.