राहुल गांधी की नयी टीम के हवाले पहली बार राज्यों की जिम्मेदारी होगी. यानी मीनाक्षी नटराजन, अशोक तंवर और शनीमोल उस्मान जो अभी भी सचिव हैं, लेकिन यह तीनों ही राहुल के साथ जुड़े हुये है.
नयी टीम के एलान के साथ ही ना सिर्फ इन तीन चेहरों को बल्कि बाकि की दर्जन भर युवा चेहरे जो सचिव बनेंगे, वह राहुल गांधी से ना जुड़कर सीधे राज्यों के हालात पर नजर रखेगी और इन्हीं युवाओं की टीम कांग्रेस के लिये राजनीतिक खाद का काम करेगी.
यानी पहली बार राहुल कांग्रेस को इस तरह मथने जा रहे हैं जहां युवा टीम के कंधों पर राज्यों की जिम्मेदारी हो. युवा अपनी उर्जा से हर चौखट तक संपर्क करें और युवा गांव स्तर पर भी कांग्रेस की पहचान बने.
इसके लिये हिस्सेदारी को कितना महत्वपूर्ण बनाया जा रहा है. यह इससे भी समझा जा सकता है कि हर सचिव को हर महीने अपनी यात्रा का पूरा ब्यौरा भी देना होगा. यानी वह कितने किलोमीटर घूमा इसकी जानकारी भी देनी होगी. हर महीने नीतियों के अमलीकरण की पूरी जानकारी भी देनी होगी.
यानी गांव, ब्लाक और जिले स्तर पर सरकार की कौन सी नीतियां कितनी सफल हो रही हैं, या सफल नहीं हो पा रही हैं तो उसकी वजह क्या है. इसका कच्चा चिट्ठा भी सचिन हर महीने दर्ज करेंगे. जिसे आधार बनाकर कांग्रेस के महासचिव आगे की रमनीति बनायेंगे. साथ ही सरकार और संगठन में तालमेल कैसे रहे इस पर भी नीतियों को अमल में लायेगें.
राहुल ने युवा टीम के समानांतर अपने लिये भी राजनीतिक बिसात बिछानी शुरू की है. जिसके तहत वह खुद ब्लाक स्तर से लेकर प्रदेश अध्यक्ष तक बैठक करेंगे.
उडिसा और महाराष्ट्र की यात्रा के बाद राहुल गांधी शुक्रवार को उत्तराखंड जा रहे है जहां देहरादून में तीन बैठक होंगी. ब्लाक फिर जिला स्तर और उसके बाद प्रदेश स्तर के नेताओं के साथ बैठक करेंगे और मिशन 2014 को लेकर संसद सत्र के बाद राहुल गांधी देश में पांच रैली करेंगे जो 2014 का आगाज होगा.