पुलवामा में 4 दिन पहले हुए एक आतंकी हमले में अपने 40 साथियों को खोने के बाद सीआरपीएफ अपने कर्तव्य और लक्ष्य पर डटी हुई है और इसका शानदार नजीर तब देखने को मिला जब जम्मू-कश्मीर से बाहर रह रहे कश्मीरियों को कथित तौर पर दी जा रही धमकियों की खबरों के मद्देनजर श्रीनगर स्थित सीआरपीएफ हेल्पलाइन ने ट्विट के जरिए उनसे कहा कि वे किसी भी तरह के उत्पीड़न के मामले उनसे संपर्क करें. ऐसी खबर है कि आतंकी हमले के बाद लोगों में रोष है, देहरादून और अंबाला समेत कई जगहों पर रह रहे कश्मीरियों को उनके मकान मालिकों ने घर छोड़ने के लिए कह दिया है.
पुलवामा में 4 दिन पहले हुए आतंकवादी हमले के बाद जम्मू-कश्मीर से बाहर रह रहे कश्मीरियों को कथित तौर पर दी जा रही धमकियों की खबरों के मद्देनजर श्रीनगर स्थित सीआरपीएफ हेल्पलाइन ने ट्विट के जरिए उनसे कहा कि वे किसी भी तरह के उत्पीड़न के मामले उनसे संपर्क करें. ऐसी खबर है कि हमले के बाद लोगों में रोष है, देहरादून और अंबाला में रह रहे कश्मीरियों को उनके मकान मालिकों ने घर छोड़ने के लिए कह दिया है.
सीआरपीएफ हेल्पलाइन ने 'मददगार' हेल्पलाइन ने इस सिलसिले में एक ट्वीट कर कहा है कि इस समय राज्य से बाहर रह रहे कश्मीरी छात्र और आम लोग उसके ट्वीटर हैंडल @सीआरपीएफ मददगार पर संपर्क कर सकते हैं. किसी भी कठिनाई या उत्पीड़न का सामना करने में त्वरित सहायता के लिए वे 24 घंटे टोल फ्री नंबर 14411 या 7082814411 पर एसएमएस कर सकते हैं.
#Kashmiri students and general public, presently out of #kashmir can contact @CRPFmadadgaar on 24x7 toll free number 14411 or SMS us at 7082814411 for speedy assistance in case they face any difficulties/harrasment. @crpfindia @HMOIndia @JKZONECRPF @jammusector @crpf_srinagar pic.twitter.com/L2Snvk6uC4
— CRPF Madadgaar (@CRPFmadadgaar) February 16, 2019
पुलवामा में जवानों पर हुए हमले के बाद देश के अलग-अलग इलाकों में रह कर पढ़ाई करने वाले कश्मीरी छात्रों को स्थानीय लोगों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है. इस विरोध से परेशान कश्मीर के कई नेताओं ने केंद्र सरकार से उनकी सुरक्षा की मांग की है. नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने जम्मू में हिंसा और दूसरे राज्यों में बढ़ते तनाव के चलते शांति बनाए रखने की अपील को शामिल नहीं किए जाने पर अपनी निराशा जताई. बाद में वह इस सिलसिले में गृहमंत्री राजनाथ सिंह से भी मिले.
किसी को सताने की इजाजत नहींः महबूबा मुफ्ती
राज्य की एक अन्य पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने भी कहा कि पुलवामा हमले का इस्तेमाल लोगों को परेशान करने या सताने के बहाने के रूप में करने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए.
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में पढ़ने गए कुछ कश्मीरी युवाओं की शिकायत है कि उन्हें परेशान किया जा रहा है. मकान मालिक अपने घरों पर हमला होने की आशंका में उनसे घर खाली करने को कह रहे हैं. हालांकि देहरादून पुलिस ने जेके (जम्मू-कश्मीर) पुलिस को देहरादून में पढ़ाई कर रहे कश्मीरी छात्रों की सुरक्षा के लिए जरूरी इंतजाम करने का भरोसा दिलाया है.
दूसरी ओर, अंबाला की एक ग्राम पंचायत ने पुलवामा हमले के विरोध में ग्रामीणों से गांव में किराए पर रह रहे कश्मीरी छात्रों से 24 घंटे के अंदर मकान खाली करवाने को कह दिया है. ऐसा बताया जा रहा कि सोशल मीडिया पर इससे संबंधित एक वीडियो चल रहा है. इस वीडियो के आने के बाद 5-6 छात्रों को एमएम मौलाना विश्वविद्यालय में शिफ्ट भी कर दिया गया है.