जम्मू कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के महासचिव अली मोहम्मद सागर, पूर्व एनसी एमएलसी बशीर वीरी और पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) नेता सरताज मदनी (महबूबा मुफ्ती के मामा) को एमएलए हॉस्टल, श्रीनगर से रिहा कर दिया गया है. हालांकि इसके तुरंत बाद ही उन पर सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) लगा दिया गया है. इन नेताओं को अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद हिरासत में लिया गया था.
कुछ दिन पहले भी जम्मू कश्मीर में चार नेताओं को नजरबंदी से रिहा किया गया था. इनमें नेशनल कॉन्फ्रेंस के अब्दुल मजीद लारमी, गुलाम नबी भट्ट, डॉ. मोहम्मद शफी और मोहम्मद यूसुफ भट्ट शामिल हैं. 5 अगस्त 2019 को संविधान के अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद से इन्हें नजरबंद किया गया था.
इससे पहले 17 जनवरी को जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने हिरासत में रखे गए नेताओं को रिहा करने की चल रही प्रक्रिया के तहत एक पूर्व मंत्री समेत चार पूर्व विधायकों को रिहा किया था. इन रिहा किए गए नेताओं में हाजी अब्दुल रशीद, नजीर अहमद गुरेजी, मोहम्मद अब्बास वानी और पूर्व मंत्री अब्दुल हक खान शामिल थे.
जम्मू-कश्मीर में सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम के तहत वर्तमान में कुल 389 लोग हिरासत में हैं. राज्यसभा में बुधवार इस बारे में जानकारी दी गई. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि पिछले महीने अगस्त में अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने के बाद से जेके पब्लिक सेफ्टी एक्ट के तहत 444 लोगों के खिलाफ हिरासत के आदेश जारी किए गए हैं.
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वर्तमान में पीएसए के तहत 389 लोग हिरासत में हैं. किशन रेड्डी ने एक लिखित प्रश्न के उत्तर में कहा. केस के आधार पर नियमित समीक्षा की जाती है और उसी के अनुसार फील्ड एजेंसियों की रिपोर्ट और जमीनी स्थिति के आधार पर नजरबंदी या इसके निरस्तीकरण में विस्तार किया जाता है.(एजेंसी से इनपुट)
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