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कर्नाटक में राष्ट्रपति शासन की अनुशंसा हो: देवगौड़ा

कर्नाटक विधानसभा की कार्यवाही असंसदीय तरीके से चलाने के लिए कर्नाटक सरकार को आड़े हाथ लेते हुए जद एस नेता एच डी देवगौड़ा ने सुझाव दिया कि राज्यपाल हंसराज भारद्वाज प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की अनुशंसा करें.

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कर्नाटक विधानसभा की कार्यवाही असंसदीय तरीके से चलाने के लिए कर्नाटक सरकार को आड़े हाथ लेते हुए जद एस नेता एच डी देवगौड़ा ने सुझाव दिया कि राज्यपाल हंसराज भारद्वाज प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की अनुशंसा करें.

संवाददाताओं से यहां बातचीत में देवगौड़ा ने कहा, ‘‘अवैध खनन के मुद्दे पर मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा के जवाब देने के बाद पर्यटन मंत्री जी जनार्दन रेड्डी ने विपक्षी कांग्रेस के खिलाफ जिस अश्लील और असभ्‍य भाषा का इस्तेमाल किया. उसने दर्शा दिया कि राज्य में कानून व्यवस्था पूरी तरह चरमरा चुकी है.’’ देवगौड़ा ने कहा, ‘‘राज्यपाल साहसिक, परिपक्व और बेहद ईमानदार व्यक्ति हैं और उन्हें सार्वजनिक जीवन में 40 वर्षों का अनुभव है. उन्हें जानना चाहिए और अनुच्छेद 356 लगाने की अनुशंसा करनी चाहिए.’’

उन्होंने कहा कि येदियुरप्पा के भाषण के बाद जब रेड्डी ने हस्तक्षेप किया तो मुख्यमंत्री शांत रहे. उन्होंने येदियुरप्पा की आलोचना करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री को रेड्डी को चेतावनी देनी चाहिए थी कि वह अपने हद को न पार करें और ऐसी भाषा का इस्तेमाल नहीं करें.{mospagebreak}पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ऐसा नहीं करके येदियुरप्पा सदन का सम्मान हासिल करने में विफल रहे हैं और उन्होंने अपनी कमजोरी दिखा दी है.’’ बेल्लारी के मंत्रियों के वफादार विधायकों के व्यवहार के लिए येदियुरप्पा पर दोषी करार देते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि रेड्डी बंधुओं की जद एस-भाजपा गठबंधन सरकार में उपमुख्यमंत्री के तौर पर उनकी अवैध गतिविधियों को जानने के बावजूद उन्हें पूर्ण समर्थन देने का आरोप लगाया.
उन्होंने कहा कि येदियुरप्पा को इस तरह के मंत्रियों को बर्खास्‍त करना चाहिए. देवगौड़ा ने राज्य में खनिज संसाधनों की जमकर हो रही लूट पर आंखें मूंदे रखने के लिए संप्रग सरकार की भी आलोचना की.

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