देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी गुरुवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुख्यालय पहुंचे. मुख्यालय में अपना बहुप्रतीक्षित भाषण देने से पहले प्रणब आरएसएस के संस्थापक डॉ. केबी हेडगेवार की जन्मस्थली पर गए और उन्हें श्रद्दांजलि अर्पित की. प्रणब मुखर्जी ने विजिटर बुक में हेडगेवार के बारे में अपने विचार भी जाहिर किए.
पूर्व राष्ट्रपति और कांग्रेसी नेता रहे प्रणब मुखर्जी ने विजिटर बुक में लिखा, 'आज मैं यहां भारत माता के महान बेटे को सम्मान देने आया हूं.' उन्होंने इस दौरान स्मारक बनाए गए हेडगेवार के जन्म स्थल पर हेडगेवार के चित्र पर फूल चढ़ाए और माल्यार्पण भी किया.
आपको बता दें कि आरएसएस के मुख्यालय का काम डॉ. हेडगेवार के इसी घर से शुरू हुआ था. 1925 में विजयदशमी के दिन इसी घर पर आरएसएस की स्थापना की गई थी. उस समय इस घर पर डॉ. हेडगेवार के अलावा 17 लोग मौजूद थे. तब यही संघ का कार्यालय था. बाद में संघ का कार्यालय यहां से नागपुर शिफ्ट हो गया.
Sangh started in Pujya Dr. Hedgewarji's home on #Vijayadashami Day in 1925. 17 persons & Doctorji were part of that meeting. The Sangh shakha was later started in Mohitewada, Nagpur. #RSSTritiyaVarsh pic.twitter.com/BtxTASk1zZ
— RSS (@RSSorg) June 7, 2018
इससे पहले बुधवार को जब प्रणब मुखर्जी नागपुर पहुंचे, तो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह भैयाजी ने हवाई अड्डे पर उनका स्वागत किया. उनके साथ नागपुर महानगर संघचालक राजेशजी लोया और विदर्भ प्रांत के सह कार्यवाह अतुल मोघे भी उपस्थित थे.
प्रणब मुखर्जी करीब 6.30 बजे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तृतीय वर्ष संघ शिक्षा वर्ग के समापन समारोह को संबोधित करेंगे. इस दौरान करीब 700 स्वयंसेवक वहां पर मौजूद रहेंगे. पूर्व राष्ट्रपति यहां करीब 20 मिनट तक अपना संबोधन देंगे. प्रणब दा के भाषण की घड़ी जैसे-जैसे करीब आ रही है, वैसे-वैसे कांग्रेस की धड़कनें तेज होती जा रही हैं. इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के तौर पर संघ प्रमुख मोहन भागवत भी मौजूद रहेंगे.
बेटी की पिता को नसीहत
पिता प्रणब मुखर्जी के आरएसएस कार्यक्रम में शामिल होने से उनकी बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी नाखुश हैं. उन्होंने प्रणब मुखर्जी को नसीहत दी है. शर्मिष्ठा ने ट्वीट करते हुए लिखा कि उम्मीद है आज कि घटना के बाद प्रणब मुखर्जी इस बात को मानेंगे कि बीजेपी किस हद तक गंदा खेल सकती है. उन्होंने लिखा कि यहां तक कि आरएसएस भी इस बात पर विश्वास नहीं करेगा कि आप अपने भाषण में उनके विचारों का समर्थन करेंगे. उन्होंने कहा कि भाषण तो भुला दिया जाएगा, लेकिन तस्वीरें बनी रहेंगी और उनको नकली बयानों के साथ प्रसारित किया जाएगा.