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मोदी कैबिनेट ने 'विवाद से विश्वास बिल' में बदलाव को दी मंजूरी

कैबिनेट ने विवाद से विश्वास बिल का दायरा बढ़ाने के लिए इसमें बदलाव को मंजूरी दी है. इसके साथ ही जावड़ेकर ने बताया कि कीटनाशक बिल आया था लेकिन संसद में पास नहीं हो पाया था. अब इस पर नया बिल लाने का फैसला हुआ है.

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विवाद से विश्वास बिल का दायरा बढ़ाने के लिए बदलाव को मंजूरी (पीएम मोदी की फाइल फोटो-PTI)
विवाद से विश्वास बिल का दायरा बढ़ाने के लिए बदलाव को मंजूरी (पीएम मोदी की फाइल फोटो-PTI)

  • करदाताओं से जुड़ी 9 लाख करोड़ की रकम विवादों में
  • विवाद से विश्वास बिल में संशोधन से मामले निपटेंगे

मोदी कैबिनेट की बैठक में बुधवार को कई अहम मुद्दों पर फैसला लिया गया. इस बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि कैबिनेट बैठक में विवाद से विश्वास बिल का दायरा बढ़ाने के लिए कुछ बदलाव को मंजूरी दी गई है. इसके साथ ही जावड़ेकर ने बताया कि कीटनाशक बिल आया था लेकिन संसद में पास नहीं हो पाया था. अब संसदीय समिति के सुझावों को शामिल करते हुए नया बिल लाने का फैसला हुआ है.

करदाताओं से जुड़ी 9 लाख करोड़ की रकम बेवजह विवादों में है. इस पर ट्रिब्यूनल में मामला चलता रहता है. विवाद से विश्वास बिल में संशोधन  को मंजूरी मिली है. जिससे 31 मार्च तक विशेष योजना के तहत करदाताओं को मौका मिलेगा.

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जो विवाद ट्रिब्यूनल में है, उन सबसे गुजारिश की गई है कि वे अपना विवाद निपटाएं. प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, जनरल बीमा कंपनियों को कैपिटलाइज करने का फैसला किया है. 3 बीमा कंपनियों को 25 सौ करोड़ से कैपिटलाइज करने का फैसला लिया है. इनमें सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनियां नेशनल, ओरिएण्टल और यूनाइटेड जनरल कंपनी शामिल हैं.

इसके साथ ही कैबिनेट ने देश के 12 बंदरगाहों को संचालित करने के लिए मेजर पोर्ट्स अथॉरिटी बिल को मंजूरी दे दी. इसके लिए 1963 एक्ट को पूरी तरह से हटा दिया जाएगा. इससे देश के सभी बड़े बंदरगाहों की क्षमता बढ़ाने में मदद मिलेगी ताकि इस सेक्टर में विकास की रफ्तार संतोषजनक ढंग से बढ़ाई जा सके.

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