हैदराबाद गैंगरेप के सभी आरोपियों के शवों को 17 दिनों बाद उनके परिवार को सौंप दिया गया है. AIIMS (अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान) से डॉक्टरों की एक टीम हैदराबाद के गांधी अस्पताल आई थी, जिसकी निगरानी में आरोपियों के शवों की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट तैयार की गई.
डॉक्टर अपनी रिपोर्ट तेलंगाना हाई कोर्ट को एक सील्ड कवर में सौंपेंगे. पोस्टमॉर्टम के 4 घंटे बाद शवों को उनके परिजनों के हवाले कर दिया गया. शवों को नारायणपेट जिले में पहुंचाया गया है.
माना जा रहा है कि आरोपियों के शवों का आज अंतिम संस्कार कर दिया जाएगा.
तेलंगाना हाई कोर्ट ने दोबारा पोस्टमॉर्टम का दिया था निर्देश
तेलंगाना हाई कोर्ट ने चारों आरोपियों के शव को रि-पोस्टमॉर्टम और फॉरेंसिक जांच के लिए सुरक्षित रखने का आदेश दिया था. उच्च न्यायालय के पूर्व के आदेश के अनुसार शवों को गांधी अस्पताल में रखा गया. उच्च न्यायालय में आरोपियों की न्यायेतर हत्याओं और इसे फर्जी मुठभेड़ बताने का आरोप लगाते हुए याचिकाएं दायर की गई थीं.
खंडपीठ ने निर्देश दिया कि पोस्टमॉर्टम 23 दिसंबर से पहले किया जाए और उच्च न्यायालय के महापंजीयक को इसकी रिपोर्ट सौंपी जाए. डॉक्टरों को उनके द्वारा एकत्रित किए गए सबूतों के आधार पर स्वतंत्र राय पेश करने की सलाह दी गई.
AIIMS ने दोबारा पोस्टमॉर्टम के लिए बनाया विशेष दल
बता दें कि हैदराबाद में एक महिला पशु चिकित्सक के सामूहिक बलात्कार और हत्या के चारों आरोपियों की छह दिसंबर को एक कथित पुलिस मुठभेड़ में मौत हो गई थी. जिसके बाद सभी आरोपियों के शवों के दूसरी बार पोस्टमॉर्टम के लिए AIIMS ने तीन फॉरेंसिक डॉक्टरों का दल बनाया.
AIIMS में फॉरेंसिक विभाग के प्रमुख डॉ. सुधीर गुप्ता के नेतृत्व वाले दल में डॉ. आदर्श कुमार और डॉ. अभिषेक यादव सदस्य बने. पोस्टमॉर्टम में डॉ. वरुण चंद्रा टीम की मदद कर रहे थे.
तेलंगाना के विशेष मुख्य सचिव को भेजे एक पत्र में AIIMS ने बताया कि टीम हैदराबाद में 23 दिसंबर को सुबह नौ बजे सरकारी गांधी अस्पताल के मुर्दाघर में दूसरा पोस्टमॉर्टम करेगी. एक सूत्र ने बताया, ‘‘चिकित्सा बोर्ड 22 दिसंबर को शाम सवा पांच बजे तेलंगाना के लिए रवाना होगा और 23 दिसंबर को लौटेगा.''
क्या है मामला?
इन चारों आरोपियों को महिला पशु चिकित्सा से बलात्कार करने और उसकी हत्या करने के बाद उसका शव जलाने के आरोप में 29 नवंबर को गिरफ्तार किया गया था. इस मामले को लेकर देशभर में प्रदर्शन हुए थे.
छह दिसंबर को पुलिस ने चट्टनपल्ली में एक मुठभेड़ में आरोपियों को उस वक्त मार गिराया था जब उन्हें जांच के लिए अपराध दृश्य की पुनर्रचना के लिए मौका-ए-वारदात पर ले जाया गया. इस ‘मुठभेड़' पर कई कानूनी प्रश्नचिह्न लगे हैं.
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पहला पोस्टमॉर्टम महबूबनगर के एक सरकारी अस्पताल में छह दिसंबर को किया गया था जिस दिन चारों आरोपी मारे गए थे. वहां से उनके शवों को गांधी अस्पताल ले जाया गया.