नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने तंबाकू उत्पादों के खिलाफ जंग छेड़ दी है. सिगरेट पर टैक्स बढ़ाने और राष्ट्रीय स्तर पर तंबाकू उत्पादों पर प्रतिबंध लगने के बाद केंद्र की योजना अब देश में तंबाकू की खपत पर कानूनी तरीके से लगाम कसने की है.
एनडीए सरकार तंबाकू खाने की उम्र 18 से बढ़ाकर 25 साल करने और सार्वजनिक स्थान पर धूम्रपान करने पर जुर्माने की राशि बढ़ाने का मन बना रही है. स्वास्थ्य मंत्रालय इसके लिए नियमों में संशोधन करने के बारे में विचार कर रहा है.
दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग के पूर्व प्रधान सचिव रमेश चंद्रा की अगुवाई में स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने विशेषज्ञों की एक कमेटी बनाई है ताकि सिगरेट और तंबाकू उत्पाद एक्ट 2003(COTPA) की समीक्षा के साथ समिति बदलाव के लिए सुझाव दे सके.
मंत्रालय के शीर्ष अधिकारी के मुताबिक कानून और नियमों को विश्व स्वास्थ्य संगठन की तरह बनाना है. वैश्विक स्तर पर तंबाकू पर नियंत्रण के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एफसीटीसी (फ्रेमवर्क कन्वेंशन ऑन टोबैको कंट्रोल) बनाया था. इसके जिम्मे विश्व भर में तंबाकू के उपयोग की सीमा सुनिश्चित करना है.
2003 में तंबाकू निषेध कानून बनाने के बाद भारत ने 2004 में एफसीटीसी को मंजूरी दी थी.