'मन की बात' कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देश के अलग-अलग हिस्सों में हिंसा की घटनाओं पर सख्त टिप्पणी के बाद उनके कार्यालय (PMO) ने सफाई दी है.
पीएमओ की तरफ से बयान दिया गया है कि पीएम ने जिस राजनीतिक हिंसा की बात की है, वो केरल में हुई घटनाओं के संदर्भ में थी. गौरतलब है कि केरल में आरएसएस और बीजेपी कार्यकर्ताओं पर जानलेवा हमलों की कई घटनाएं सामने आई हैं.
दरअसल, रविवार को मन की बात कार्यक्रम में बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा था कि हिंदुस्तान के किसी कोने से हिंसा की खबरें आती हैं, तो ये देश के लिए चिंता की बात है.''
पीएम मोदी ने कहा कि आस्था के नाम पर किसी को कानून हाथ में लेने का अधिकार नहीं है. उन्होंने कहा, ''डॉ. बीआर अंबेडकर ने जो संविधान दिया है, उसमें हर स्थिति में न्याय पाने की हर प्रकार की व्यवस्था है. ऐसे में कानून हाथ में लेने वाले, हिंसा की राह पर दमन करने वाले, किसी भी व्यक्ति या समूह को न ये देश बर्दाश्त करेगा और न ही सरकार.''
पीएम मोदी ने ये भी कहा कि मैंने 15 अगस्त के मौके पर लाल किले की प्राचीर से कहा था आस्था के नाम पर हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी. फिर चाहे वो सांप्रदायिक आस्था हो, राजनीति विचारधाराओं के प्रति आस्था हो, व्यक्ति के प्रति आस्था हो या फिर किसी परंपरा के प्रति आस्था हो.
पीएम मोदी के इस बयान के बाद समझा जा रहा था कि उन्होंने अप्रत्यक्ष तौर पर पंचकूला हिंसा घटना की आलोचना की. अब पीएमओ ने राजनीतिक आस्था के नाम पर गुंडागर्दी को केरल के संदर्भ में कहे जाने का दावा किया है.