पूर्व बीजेपी नेता केएन गोविंदाचार्य ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया है कि वह फेसबुक फाउंडर मार्क जकरबर्ग से होने वाली मुलाकात रद्द कर दें. गोविंदाचार्य ने इस बारे में प्रधानमंत्री को चिट्ठी भी लिखी है. गोविंदाचार्य ने चिट्ठी में लिखा है कि फेसबुक सालाना 120 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी कर रहा है. भारत में उसके 10 करोड़ से ज्यादा यूजर्स हैं, लेकिन वह यहां अपना कोई दफ्तर ही नहीं मानता. यहां तक कि शिकायत अधिकारी की नियुक्ति भी आयरलैंड में की गई है.
गोविंदाचार्य ने प्रधानमंत्री से कहा है कि जिस कंपनी का भारत में कोई ऑफिस या एजेंट नहीं है, उससे सरकार कैसे समझौते कर सकती है. उन्होंने पीएम से अपील की है कि अगर वह जकरबर्ग से मिलें भी तो देश के कानून के पालन का वचन लें और कंपनी से टैक्स का पैसा जमा करवाएं, जो गांवों मे शौचालय बनाने के काम आ सकता है.
चिट्ठी में दावा किया गया है कि फेसबुक ने भारतीय बाजार के जरिये 77 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का पूंजीकरण किया है. यहां उसके दस करोड़ से ज्यादा ग्राहक हैं और यह दुनिया में उनका दूसरा सबसे बड़ा बाजार है.
गोविंदाचार्य ने प्रधानमंत्री से और भी कई मांगी की हैं. उन्होंने महिलाओं और बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए टोल फ्री नंबर शुरू करने की मांग की है. नितिन गडकरी के फैसले पर सवाल उठाते हुए उन्होंने पूछा है कि अगर बड़ी कंपनी के खिलाफ कानून लागू नहीं किया जा रहा तो फिर लाखों ई-रिक्शा वालों को क्यों बंद किया गया? चिट्ठी में लिखा है, 'छोटों पर कानून और बड़ों को माफी देने से श्रेष्ठ भारत का निर्माण नहीं हो सकता.'
