नागरिकता संशोधन कानून लागू होने के बाद पूरे देश में विरोध- प्रदर्शन हो रहे हैं. व्यापक होते जा रहे आंदोलन और बढ़ते विरोध के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को दिल्ली के रामलीला मैदान में आयोजित धन्यवाद रैली को संबोधित किया.
पीएम मोदी ने विरोध की आग को हवा देने के लिए कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों की आलोचना की, वहीं इस कानून को विभाजनकारी बताते हुए अपने- अपने राज्यों में लागू नहीं करने का ऐलान कर चुकीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को एक्सपोज भी किया.
रामलीला मैदान से पीएम मोदी का ऐलान- देश के मुसलमानों का CAA से कोई लेना-देना नहीं
पीएम मोदी ने कहा कि यही दीदी (ममता बनर्जी) कुछ साल पहले तक संसद में खड़े होकर गुहार लगाती थीं कि बांग्लादेश से आ रहे घुसपैठियों को रोका जाए. पीड़ितों को रोका जाए. उन्होंने कहा कि दीदी स्पीकर के सामने खड़े होकर कागज फेंकती थीं. आज दीदी कोलकाता से सीधे संयुक्त राष्ट्र पहुंच गईं. पीएम ने सवालिया लहजे में कहा कि अब आपको क्या हो गया दीदी? क्यों बदल गईं? क्यों अफवाह फैला रही हो?
उन्होंने कहा कि चुनाव आते-जाते रहते हैं. सत्ता मिलती है, चली जाती है. आप इतनी डरी क्यों हो दीदी? पीएम मोदी ने कहा कि बंगाल की जनता से आपका भरोसा क्यों उठ गया दीदी, बंगाल के नागरिकों को क्यों अपना दुश्मन मानने लगी हो, इन पर भरोसा करो दीदी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में जयपुर में पैदल मार्च कर इसे लागू नहीं करने की घोषणा करने वाले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भी निशाने पर लिया. उन्होंने कहा कि गहलोतजी मांग करते थे कि जो हिंदू या सिख पाकिस्तान से भागकर यहां आए हैं, उनकी स्थिति सुधारी जाए.
पीएम ने कहा कि कांग्रेस के ही पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंहजी ने संसद में खड़े होकर बोला था कि जो लोग बांग्लादेश से प्रताड़ित होकर आए हैं, उन्हें नागरिकता देनी चाहिए. उन्होंने कहा कि मनमोहन सिंह जी जब यह बात कर रहे थे, तब वह सही थे और जब मोदी ने यह कर दिया तो गुनहगार हो गया.