पाकिस्तान को दिए गए 'मोस्ट फेवर्ड नेशन' (एमएफएन) के दर्जे को लेकर मीटिंग अगले हफ्ते होगी. पीएम मोदी बैठक की अध्यक्षता करेंगे. उरी अटैक के बाद से पाकिस्तान पर कार्रवाई के लिए भारत पर लगातार दबाव बन रहा है. ऐसे में भारत पाकिस्तान से एमएफएन का दर्जा वापस ले सकता है.
पीएम मोदी ने पाकिस्तान के साथ भारत के व्यापार विकल्पों पर बातचीत के लिए विदेश मंत्रालय और मिनिस्ट्री ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के सीनियर ऑफिसर्स के साथ मीटिंग करेंगे. इससे पहले पीएम नरेंद्र मोदी पाकिस्तान के साथ जल संधि पर भी मीटिंग बुला चुके हैं. तब प्रधानमंत्री ने कहा था कि खून और पानी साथ-साथ नहीं बह सकता.
क्या है MFN स्टेट्स?
भारत ने पाकिस्तान को 1996 में एमएफएन का दर्जा दिया था. एमएफएन स्टेट्स दिए जाने पर दूसरे देश इस बात को लेकर आश्वस्त रहता है कि उसे व्यापार में नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा. इसकी वजह से पाकिस्तान को अधिक आयात कोटा और कम ट्रेड टैरिफ मिलता है. यह वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन और इंटरनेशनल ट्रेड नियमों के तहत होता है. हालांकि, पाकिस्तान ने आश्वासन देने के बावजूद भारत को अब तक एमएफएन दर्जा नहीं दिया है.
पहली बार MFN स्टेट्स रिव्यू कर रहा भारत
उरी अटैक के बाद भारत पाकिस्तान पर कूटनीतिक कार्रवाई कर रहा है. केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अर्जुन मेघवाल ने कहा है कि भारत व्यापार संबंधों से अधिक तवज्जो देश की सुरक्षा को देता है. उन्होंने कहा कि जब पाकिस्तान को मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा दिया गया, उस वक्त स्थिति अलग थी, लेकिन अब हालात बदल चुके हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये पहली बार है जब भारत पाक के एफएफएन स्टेट्स को रिव्यू कर रहा है. मेघवाल ने ये भी कहा है कि भारत को पाकिस्तान दुनिया के मोर्चे पर भी अलग-थलग करने के लिए काम कर रहा है. इससे पहले सुब्रमण्यम स्वामी सहित बीजेपी के कई नेता और रिटायर्ड सैनिक एमएफएन का दर्जा वापस लेने के लिए सरकार से अपील कर चुके हैं.