सांप्रदायिक हिंसा भड़कने के 18 दिन बाद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह दंगा पीड़ितों का हाल पूछने मुजफ्फरनगर पहुंचे. मौका था सियासी मरहम लगाने का तो कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके राहुल गांधी भी साथ हो लिए. पर विपक्ष ने इस दौरे को सियासी स्टंट करार दिया है. बीजेपी ने इसे सेकुलर टूरिज्म बताया है तो समाजवादी पार्टी ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर सोनिया गांधी के इशारों पर राजनीति करने का आरोप लगाया है.
सपा महासचिव और राज्यसभा सांसद रामगोपाल यादव ने कहा, 'पीएम वहां दौरे पर गए, सोनिया जी साथ में थीं. राहुल जी भी साथ में थे. स्वभाविक है कि जब उनकी पार्टी के अध्यक्ष साथ में थे तो जो उन लोगों का इशारा होगा. वही बोलेंगे.'
तस्वीरों में: हिंसाग्रस्त लोगों से मिलने पहुंचे प्रधानमंत्री, सोनिया और राहुल गांधी
गौरतलब है कि सोमवार प्रधानमंत्री ने सूबे की सपा सरकार को इशारों में यह कहते हुए नसीहत दी थी कि जान-माल की हिफाजत करना प्रशासन का फर्ज होता है.
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए रामगोपाल यादव ने कहा, 'कांग्रेस सरकार के राज में सबसे ज्यादा दंगे हुए हैं. चाहे वह मलयाना, मुरादाबाद, मेरठ, इलाहाबाद और भागलपुर के दंगें हों, इनको कोई भूल नहीं सकता.'
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नेताओं के दौरे पर सवाल पूछे जाने पर उन्होंने कहा, 'राजनीतिक दौरे से प्रशासन को तो दिक्कत होती ही है. प्रशासन के लोग अपना काम करते रहते हैं. पर इन दौरे के कारण प्रशासन का ध्यान बंट जाता है. पीएम या फिर इतने बड़े नेता किसी इलाके का दौरा करते हैं तो उनकी सुरक्षा के लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल को लगाना पड़ता है.'
हालांकि बीजेपी और आरएलडी नेताओं को मुजफ्फरनगर का दौरा करने की इजाजत नहीं देने पर उन्होंने कहा कि ये खुद दंगा करवाने वाले लोग हैं. इनको न अभी तक जाने दिया है और न ही आगे भी जाने दिया जाएगा. आरएलडी के लोग भी इस दंगे में शामिल हैं.'