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पीएम मोदी ने किया डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम स्मारक का उद्घाटन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को तमिलनाडु के रामेश्वरम में पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम स्मारक का उद्घाटन किया. भारत के मिसाइल मैन एपीजे अब्दुल कलाम की गुरुवार को पुण्यतिथि है. उनका निधन 27 जुलाई 2015 को हुआ था. इस स्मारक का निर्माण रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने किया है. 

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पीएम मोदी ने डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम स्मारक का उद्घाटन किया
पीएम मोदी ने डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम स्मारक का उद्घाटन किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व राष्ट्रपति ए पी जे अब्दुल कलाम को समर्पति एक स्मारक का यहां पीकारुंबू में उद्घाटन किया. कलाम की आज दूसरी पुण्यतिथि है. उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति के गृह नगर में उस जगह पर बने स्मारक को देशवासियों को समर्पित किया जहां मिसाइल मैन के पार्थिव शरीर को दफनाया गया था.

प्रधानमंत्री ने इस मौके पर कलाम की वीणा बजाते हुये लकड़ी से बनी एक प्रतिमा का भी अनावरण किया. इस अवसर पर प्रधानमंत्री के साथ तमिलनाडु के राज्यपाल चौधरी विद्यासागर राव, मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी, केंद्रीय मंत्री पोन राधाकृष्णन और राजग की तरफ से उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार एम वेंकैया नायडू भी मौजूद थे.

डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन डीआरडीओ द्वारा बनाये गये इस स्मारक के प्रवेश द्वार पर प्रधानमंत्री ने राष्ट्रध्वज भी फहराया. डीआरडीओ के साथ कलाम दशकों तक वैज्ञानिक के तौर पर जुड़े रहे थे. मोदी ने बाद में कलाम के परिवार के सदस्यों से बातचीत भी की. वह कलाम के बड़े भाई एपीजे मोहम्मद मुथुमीरन मारायीकयार से बात करते वक्त बेहद प्यार से उनका हाथ पकड़े हुये थे.

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पीएम ने फूल चढ़ाकर दी श्रद्धांजलि

पीएम मोदी ने स्मारक में कलाम की एक मूर्ति का अनावरण किया और फूल चढ़ाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी. इस मौके पर पीएम ने पूर्व राष्ट्रपति के परिवार के सदस्यों से भी बातचीत की. प्रधानमंत्री ने 'कलाम संदेश वाहिनी ' प्रदर्शनी बस को भी हरी झंडी दिखाकर रवाना किया जो देश के विभिन्न राज्यों की यात्रा करेगी। बस 15 अक्टूबर को पूर्व राष्ट्रपति की जयंती पर राष्ट्रपति भवन पहुंचेगी.

बता दें कि कलाम के भतीजे सलीम ने कहा था कि यह स्मारक भारत की विविधता और विभिन्न संस्कृतियों को प्रतिबिंबित करेगा. साथ ही कलाम को श्रद्धांजलि अर्पित करेगा. रॉकेट्स और मिसाइलों की प्रतिकृतियां को प्रदर्शित करेगा. उनका कहना है कि ये स्मारक इंडिया गेट की तरह भव्य लगेगा. साथ ही उन्होंने कहा कि कलाम ने इसरो में काम किया, जहां उन्होंने एसएलवी 3 को विकसित करने में मदद की थी और वह भी प्रदर्शनी में है.

 

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