अखिल भारतीय स्तर पर वस्तु व सेवा कर (GST) व्यवस्था लागू होने से केंद्र और राज्यों के अधिकतर अप्रत्यक्ष करों का अलग अस्तित्व समाप्त हो जाएगा, जिसमें उत्पाद शुल्क, सेवा कर, मूल्य वर्धित कर, बिक्री कर, ऑक्ट्रॉय शामिल हैं.
इसके लागू होने से कारोबारी देश में कहीं भी अपनी कारोबारी गतिविधियों का विस्तार कर सकेंगे. हालांकि राज्यों को मजबूती देने के लिए पेट्रोलियम उत्पादों और शराब व तंबाकू को GST व्यवस्था से बाहर रखा गया है.
शराब राज्यों की आय में बड़ा योगदान करता है. उदाहरण के तौर पर, केरल में यह योगदान 22 फीसदी है और तमिलनाडु में इस मद से सालाना 21 हजार करोड़ रुपये की आय होती है.
पेट्रोल और डीजल पर 20 फीसदी कर लगाया जाता है. राज्यों को बिक्री कर से होने वाली कुल आय में इसकी 35 फीसदी भूमिका होती है.
देश में वस्तु व सेवा कर (GST) व्यवस्था लागू करने के प्रावधान वाला संविधान (122वां संशोधन) विधेयक-2014 बुधवार को लोकसभा में पारित हो गया है.
लोकसभा ने राज्यों के बीच व्यापार पर एक फीसदी अतिरिक्त कर लगाए जाने से संबंधित संशोधन को भी मंजूरी दे दी, जिससे राज्यों को कर व्यवस्था के परिवर्तन काल में अतिरिक्त मदद की जा सकेगी.
इनपुट: IANS