अयोध्या मालिकाना हक मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर की गई. उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में अयोध्या स्थित विवादास्पद भूमि को हिंदुओं और मुसलमानों के बीच तीन हिस्सों में बांटने का आदेश दिया था.
यह याचिका दिल्ली के विधायक शोएब इकबाल ने दायर की है. उन्होंने अपनी याचिका में कहा है कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय का फैसला ‘आस्था और मान्यता’ पर आधारित है और यह संविधान के खिलाफ है. उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में कहा था कि वह स्थान जहां भगवान राम का अस्थायी मंदिर है, हिंदुओं का है.
लोक जनशक्ति पार्टी के इस विधायक ने दावा किया कि ढहाई गई बाबरी मस्जिद वर्ष 1528 से ही वक्फ की संपत्ति थी. इकबाल उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ के समक्ष मालिकाना हक विवाद में पक्ष नहीं थे.
अधिवक्ता एम एम कश्यप के जरिए दायर याचिका में इकबाल ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 30 सितंबर के फैसले पर रोक लगाने की मांग की है.