कश्मीर की जमीनी हालत का जायजा लेने के लिए एक सर्वदलीय शिष्टमंडल कल दो दिवसीय दौरे पर यहां पहुंचेगा वहीं प्रतिनिधिमंडल से खुद को अलग करने की धमकी देते हुए पीडीपी और सत्तारूढ़ नेशनल कांफ्रेंस ने एक दूसरे पर प्रक्रिया में बाधा डालने का आरोप लगाया है.
गृहमंत्री पी चिदंबरम के नेतृत्व में 38 सदस्यीय टीम के कई माह से हिंसा की साक्षी बनी घाटी में जारी गतिरोध दूर करने के लिए विभिन्न अलगाववादी समूहों से मिलने की संभावना है. पिछले कुछ महीनों से जारी हिंसा में 100 से अधिक लोगों की मौत हुई है.
बैठक के पूर्व जम्मू-कश्मीर की मुख्य विपक्षी पार्टी पीडीपी ने राज्य सरकार पर घाटी में कर्फ्यू लगा कर प्रक्रिया में बाधा डालने का आरोप लगाते हुए प्रतिनिधिमंडल से खुद को अलग करने की धमकी दी है.
पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा, ‘अगर ऐसे दमनकारी कदम जारी रहे तो हमें अपने फैसले (सर्वदलीय पहल का भाग बनने) पर दोबारा सोचना पड़ेगा.’
उन्होंने कहा कि अगर असंतुष्टों और आम आदमी की आवाज उठाने वाले नागरिक समुदाय के सदस्यों को प्रतिनिधिमंडल से मिलने का मौका नहीं मिलेगा, तो सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के दौरे का कोई फायदा ही नहीं है.