संसद का मानसून सत्र मंगलवार से शुरू हो गया. विपक्ष पर जवाबी हमले के लिए सरकार ने एनडीए को एकजुट रखने की रणनीति बनाई है और किसी का इस्तीफा लेने से इनकार कर दिया है.
राज्यसभा में कांग्रेस ने ललित मोदी का मामला जोर-शोर से उठाया, जिसके बाद कार्यवाही तीन बार स्थगित करनी पड़ी. कार्यवाही के शुरुआती मिनटों में ही कांग्रेस आक्रामक दिखी . कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने ललित मोदी का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने मानवता के आधार पर ललित मोदी की मदद की और ललित मोदी ने दस्तावेज लेकर मौज-मस्ती की. उन्होंने पूछा कि जांच में ललित मोदी और संबंधित मंत्री शामिल क्यों नहीं है. उन्होंने इस मामले पर सरकार से जवाब मांगा.
दो बजे फिर शुरू हुई राज्यसभा की कार्यवाही में अरुण जेटली ने आश्वासन दिया कि ललित मोदी केस पर हम चर्चा को तैयार हैं, पर लगता है कि विपक्ष तैयार नहीं है. खुद सुषमा स्वराज ने भी ट्वीट करके लिखा कि वह बहस के लिए तैयार हैं.
I am ready
for a debate today itself. I asked Shri Arun Jaitley to convey this to Rajya
Sabha.
— Sushma Swaraj (@SushmaSwaraj) July 21,
2015
Shri Arun
Jaitley has conveyed this to the House. We are looking forward to the
Opposition's response.
— Sushma Swaraj (@SushmaSwaraj)
July
21, 2015
जेटली की अपील के बाद भी जारी रहा हंगामा
बीजेपी सदस्यों की टोकाटोकी के बीच आनंद शर्मा ने इस मामले में राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का भी जिक्र किया. उन्होंने इस पूरे मामले को गंभीर मुद्दा बताते हुए कहा कि सरकार ने मर्यादा तोड़ी है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को इस मुद्दे पर जवाब देना चाहिए. कांग्रेस सदस्यों के हंगामे के बीच जेटली ने नियम 267 के तहत दिए गए नोटिस का जिक्र किया और कहा कि सरकार इस पर तुरंत चर्चा के लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि सदस्य इस पर तुरंत चर्चा शुरू करें और इस पर विदेश मंत्री जवाब भी देंगी.
कांग्रेस के सदस्य आसन के पास आ गए और विदेश मंत्री को बर्खास्त किए जाने की मांग करते हुए नारेबाजी करने लगे. इसके पहले कांग्रेस के कुछ सदस्य पोस्टर लहराते हुए दिखे. आसन ने उन्हें ऐसा करने से मना किया. हंगामे के चलते पहले करीब 11:30 बजे कार्यवाही को 12 बजे तक के लिए स्थगित किया गया. दोपहर 12 बजे बैठक शुरू होने पर भी हंगामा जारी रहा और पहले 12:30 बजे तक फिर दोपहर दो बजे तक के लिए कार्यवाही स्थगित कर दी गई.
सिर्फ बाधा डालना चाहता है विपक्ष: जेटली
इसके बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मीडिया से बात की. उन्होंने विपक्ष पर सदन न चलने देने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, 'हम संसद का वक्त बचाना चाहते हैं. सुषमा स्वराज जवाब देने को तैयार हैं. हम बातचीत के लिए तैयार हैं. लेकिन हमारे इस प्रस्ताव को विपक्ष ने स्वीकार नहीं किया. इससे साफ है कि विपक्ष चर्चा नहीं चाहता. सिर्फ कार्यवाही में रोड़े अटकाना चाहता है.'
सभी सांसदों से सहयोग की उम्मीद: PM
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले सकारात्मक कार्यवाही की उम्मीद जताई. उन्होंने कहा, 'कल अच्छे माहौल में सर्वदलीय बैठक हुई. आशा है सत्र में अच्छे और अधिक फैसले होंगे. अब तक सबके सहयोग के लिए धन्यवाद. आगे भी सभी सांसदों का उत्तम योगदान रहेगा, ऐसा मुझे भरोसा है.'
उधर बीएसपी अध्यक्ष मायावती ने भी साफ कर दिया है कि उनकी पार्टी सरकार के लैंड बिल को किसी भी कीमत पर समर्थन नहीं देगी. बताया जा रहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी भी पार्टी सांसदों की बैठक लेंगी.
सोमवार दिन भर चली बैठकों में सरकार बचाव और 'काउंटर अटैक' की रणनीति बनाती रही. हालांकि कांग्रेस के पास सरकार को घेरने के लिए इस बार मुद्दों का अंबार है और वह कोई कसर नहीं छोड़ना चाहेगी. ललित मोदी मामले पर चर्चा के लिए विपक्षी पार्टी ने राज्यसभा में स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दे दिया है. शाम 6:30 बजे मोदी सरकार ने कैबिनेट की बैठक भी बुलाई है.
कांग्रेस की दो टूक- इस्तीफा दो, सदन चलाओ
कांग्रेस ने अपने कड़े तेवर सोमवार को सर्वदलीय बैठक में ही दिखा दिए. कांग्रेस ने दो टूक कहा कि अगर संसद का सत्र चलाना है तो वसुंधरा से लेकर सुषमा तक से इस्तीफा लेना होगा. लेकिन सरकार ने यह मांग ठुकरा दी है. संसदीय कार्य मंत्री वेंकैया नायडू ने साफ कहा कि कोई मंत्री या मुख्यमंत्री इस्तीफा नहीं देगा.
सूत्रों की मानें तो सहयोगी दलों के साथ बैठक में बीजेपी ने तय किया है कि सत्र सुचारू रूप से चले, इसके लिए पहले विपक्ष को मनाने की कोशिश की जाएगी , अगर विपक्षी दल नहीं माने तो फिर आक्रामक रुख अपनाया जाएगा.
आडवाणी बैठक में शामिल नहीं हुए
सोमवार को हुई एनडीए की बैठक में बीजेपी और सहयोगी दलों के नेता शामिल हुए, लेकिन बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी बैठक का हिस्सा नहीं बने. पार्टी सूत्रों ने बताया कि इस मीटिंग में बीजेपी की तरफ से सिर्फ एनडीए के चेयरमैन और पार्टी अध्यक्ष शामिल हुए. आडवाणी इन दोनों ही पदों पर नहीं हैं इसलिए वे बैठक से दूर रहे.
अपने मंत्रियों से इस्तीफा नहीं लेगी बीजेपी
मोदी सरकार ने भ्रष्टाचार में फंसे अपने मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों के इस्तीफे की कांग्रेस की मांग ठुकरा दी है. इसके साथ ही मानसून सत्र के हंगामेदार रहने के आसार बन गए हैं. सरकार की मुश्किलें बढ़ाने के लिए विपक्षी पार्टियां विवादित भूमि अधिग्रहण विधेयक पर भी कोई समझौता न करने पर अड़ी हुई हैं, जिस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय सहमति बनाने का सोमवार को आह्वान किया.
इस्तीफे का सवाल नहीं: नायडू
केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री एम वेंकैया नायडू ने एक सर्वदलीय बैठक के बाद मीडिया से कहा, इस्तीफे का सवाल ही नहीं
पैदा होता. किसी ने भी कोई अवैध या अनैतिक काम नहीं किया है. उन्होंने यह भी कहा कि सुषमा स्वराज ललित मोदी के यात्रा दस्तावेजों के संबंध में आरोपों पर बयान देने को इच्छुक हैं.
कांग्रेस ने दिए हंगामे के संकेत
बैठक के दौरान, कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे तथा मध्य
प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के इस्तीफे पर जोर दिया. राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष, आजाद ने कहा कि उन्हें आशा है कि मोदी संसद सत्र के शुरू होने से पहले भ्रष्टाचार के आरोपी मंत्रियों के इस्तीफे की घोषणा करेंगे.
शिवसेना ने कहा- महामुकाबला होगा
शिवसेना ने सोमवार को ऐलान किया कि संसद का मानसून सत्र सत्ताधारी गठबंधन और विपक्ष के बीच ‘महा मुकाबला’ होगा . बीजेपी के शीर्ष नेताओं के इस्तीफे की मांग के खिलाफ शिवसेना बीजेपी के मजबूत समर्थन में आ गई है. शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि उनका (बीजेपी नेताओं का) राजनीतिक चरित्र बेदाग है. राजनीति में कभी कभी आपको कुछ फैसले लेने पडते हैं लेकिन उनके खिलाफ हो हल्ला करना उचित नहीं है.