पाकिस्तानी कैदी सनाउल्लाह की चंडीगढ़ के पीजीआई अस्पताल में मौत हो गई. सनाउल्लाह की मौत किडनी फेल होने से हुई. भारत ने सलाउल्लाह का शव पाकिस्तान के हवाले कर दिया है. पाक कैदी पर जम्मू की कोट भलवल जेल में बीते शुक्रवार को हमला किया गया था.
पीजीआई अधिकारी की ओर से बयान आया है, सनाउल्लाह को गुरुवार सुबह करीब 7 बजे मृत घोषित किया गया. मल्टिपल ऑर्गन फेलियर के चलते उसकी मौत हुई. प्रोफेसर वाईके बत्रा की अगुवाई वाली डॉक्टरों की टीम ने उसे बचाने की पूरी कोशिश की.
पीजीआई अस्पताल के एक प्रवक्ता ने बताया, ‘मरीज को जब यहां लाया गया था तब उसका मस्तिष्क काम करना बंद कर चुका था. आज सुबह मरीज के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया जिससे उसकी मौत हो गई.’ 64 वर्षीय पाकिस्तानी कैदी सनाउल्ला जम्मू की जेल में बंद था. वहां एक अन्य कैदी के साथ हुई हाथापाई में वह घायल हो गया था.
हमले के बाद सनाउल्लाह की गंभीर हालत को देखते हुए उसे चंडीगढ़ के पीजीआई अस्पताल में भर्ती कराया गया था. पाकिस्तान की कोट लखपत जेल में इसी तरह के हमले में बुरी तरह जख्मी भारतीय कैदी सरबजीत सिंह की मौत होने के एक दिन बाद सनाउल्लाह पर हमला हुआ था.
अपने साथी की हत्या करने के जुर्म में उम्रकैद की सजा काट रहे भारतीय सेना के पूर्व जवान विनोद कुमार ने किसी बात पर झगड़ा होने के बाद सियालकोट निवासी सनाउल्लाह पर हमला किया. हमले में सनाउल्लाह के सिर में गम्भीर चोटें आई थीं और उसे पहले जम्मू के गर्वमेंट मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था.
ठीक इसी तरह का हमला 26 अप्रैल को सरबजीत पर हुआ था, जिसके बाद वह भी कोमा में चले गए थे और बाद में उनकी मौत हो गई थी.
सनाउल्लाह की मौत के बाद पाकिस्तानी हाई कमीशन ने विदेश मंत्रालय को पत्र लिखा है, जिसमें अंतरराष्ट्रीय जांच की मांग की गई है. इसके साथ ही कहा गया है कि सनाउल्लह की मौत के दोषी को सजा मिलनी चाहिए. पाकिस्तान ने भारत की जेलों में कैद अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम किए जाने की भी मांग की है. यही नहीं उसने कहा है कि उन 47 पाकिस्तानी कैदियों को छोड़ा जाए जो अपनी सजा काट चुके हैं.
भारत ने पाकिस्तान को दिया मदद का भरोसा
हालांकि भारत ने पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय जांच की मांग को खारिज कर दिया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैय्यद अकबरुद्दीन ने कहा, 'हमने पाकिस्तानी कैदी सनाउल्लाह रंजे को बचाने के लिए चिकित्सीय और अन्य जरूरी उपाय किए. दुर्भाग्यवश हमारी बेहतर कोशिशों के बावजूद गुरुवार सुबह अस्पताल में उसकी मौत हो गई और हमने यह सूचना पाकिस्तानी अधिकारियों को दे दी है और उनके सम्पर्क में बने हुए हैं.'
17 साल से जेल में था पाकिस्तानी कैदी
जम्मू के बाहरी इलाके में स्थित कोट बलवाल जेल में यह घटना घटी. सनाउल्लाह पिछले 17 साल से जेल में बंद था. सनाउल्लाह को हिंदुओं के धार्मिक स्थल माता वैष्णो देवी के नजदीक कटरा में 1994 में हुए विस्फोट मामले में 1996 में गिरफ्तार किया गया था. इस हमले में 10 लोगों की मौत हो गई थी.जेल सूत्रों के मुताबिक, सनाउल्लाह पाकिस्तान के सियालकोट का रहने वाला था. सनाउल्लाह पर हत्या का केस चल रहा था. उसपर 8 धाराओं के तहत केस दर्ज हैं. इनमें से 2 मामलों में उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी.
पाकिस्तानी कैदी सनाउल्ला पर हमले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने भी संज्ञान लिया था. पैंथर्स पार्टी की याचिका पर जम्मू कश्मीर सरकार को नोटिस भेजा था. सनाउल्लाह के परिवार के दो सदस्य भी मंगलवार को पाकिस्तान से भारत आए थे. उन्होंने भारत सरकार से उसे स्वेदश जाने देने का अनुरोध किया था.
हमलावर कैदी भारतीय सेना का पूर्व जवान
पाकिस्तानी कैदी पर हमला उसके ही साथी कैदी ने किया. हमलावर कैदी का नाम विनोद कुमार है, जो कि भारतीय सेना का पूर्व जवान है. हमलावर उत्तराखंड का रहने वाला है. वह इस जेल में पिछले 6 साल से बंद है. उसने लेह में अपने साथ ड्यूटी करने वाले की हत्या की थी. कोर्ट मार्शल के बाद वह आजीवन कारावास की सजा भुगत रहा है.
गौरतलब है कि भारत हो या पाकिस्तान, दोनों ही जगहों की ज्यादातर जेलों में क्षमता से काफी ज्यादा कैदी रखे जाते हैं. ऐसे में कैदियों पर सही तरीके से निगरानी नहीं हो पाती है. कैदियों के बीच मारपीट की घटनाएं अक्सर सुर्खियां बना करती है. हालांकि पाकिस्तान की जेल में सरबजीत सिंह की मौत का मामला इससे जुदा मालूम पड़ता है. उनकी मौत के पीछे पाकिस्तानी हुक्मरानों की साजिश की बू आती है.