प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी का कहना है कि पाकिस्तान सरकार इस बात पर ‘विचार’ करेगी कि उत्तरी वजीरिस्तान में सैन्य अभियान की ‘जरूरत है या नहीं.’ गिलानी ने साथ ही कहा कि इस कबाइली इलाके में मौजूद आतंकवादियों के खिलाफ अभियान चलाने को लेकर किसी का दबाव नहीं सहा जाएगा.
प्रधानमंत्री ने मासिक टीवी कार्यक्रम ‘प्राइम मिनिस्टर आनलाइन’ पर कहा कि जब भी और जहां भी सरकार को चुनौती मिलेगी, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. पूछे जाने पर कि क्या उत्तरी वजीरिस्तान में सैन्य अभियान जल्द ही शुरू होने वाला है, उन्होंने कहा, ‘हम विचार करेंगे कि क्या इसकी कोई जरूरत है. हम व्यर्थ में इस मामले में हस्तक्षेप नहीं करेंगे.’
गिलानी ने कहा कि उत्तरी वजीरिस्तान में कार्रवाई करने को लेकर सरकार किसी भी पक्ष का दबाव नहीं सहेगी. उन्होंने कहा, ‘हमें किसी सैन्य कार्रवाई का शौक नहीं है और हम (इस मामले में) पूरी रणनीति बनाना चाहते हैं.’ गिलानी ने कहा कि उनकी सरकार आतंकवादियों को मुख्यधारा में लाने के लिए बातचीत और विकास की नीति अपना रही है.
गौरतलब है कि मीडिया खबरों में कहा गया था कि उत्तरी वजीरिस्तान में सैन्य अभियान चलाने की अमेरिका की मांग पर पाकिस्तान राजी हो गया है. पाक सरकार वाशिंगटन की ओर से काफी दबाव होने के बावजूद इस क्षेत्र में अभियान शुरू करने से इनकार कर चुकी है.
गिलानी ने कहा कि अगर आतंकवादी हिंसक रास्ता छोड़कर आत्मसमर्पण करते हैं तो सरकार उनसे बातचीत करने के लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की संप्रभुता के खिलाफ काम करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए उनकी सरकार दृढ़ है और सरकार आतंकवादी क्रियाकलापों के लिए देश की जमीं का प्रयोग किसी को नहीं करने देगी.
गिलानी ने कहा, ‘हम पाकिस्तान को आतंकवाद से मुक्त करेंगे.’ उन्होंने साथ ही कहा कि अमेरिकी धावे में मारे गए आतंकवादी ओसामा बिन लादेन के प्रति सहानुभूति रखना राष्ट्रीय हित में नहीं है.