आपदा राहत में सियासत की कोई भूमिका नहीं होने पर जोर देते हुए ओबामा प्रशासन ने कहा है कि उसे उम्मीद है कि पाकिस्तान बाढ़ राहत के लिये भारत द्वारा 50 लाख डॉलर की सहायता की पेशकश मंजूर कर लेगा.
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता पी. जे. क्राउले ने कहा, ‘जहां तक आपदा को लेकर प्रतिक्रिया का सवाल है तो इसमें राजनीति की कोई भूमिका नहीं होनी चाहिये. एक देश (भारत) है जो (पाकिस्तान की) मदद करना चाहता है और हम उम्मीद करते हैं कि पाकिस्तान उसकी पेशकश को स्वीकार करेगा.’
विदेश मंत्री एस. एम. कृष्णा ने अपने पाकिस्तानी समकक्ष शाह महमूद कुरैशी को पिछले हफ्ते टेलीफोन कर बाढ़ की आपदा पर दुख प्रकट करते हुए राहत कार्य के लिये 50 लाख डॉलर की सहायता देने का प्रस्ताव किया था.
पाकिस्तान ने यह पेशकश अब तक स्वीकार नहीं की है वहीं उसके नेता बाकी विश्व बिरादरी से बाढ़ राहत के लिये और मदद मांग रहे हैं.
अफगानिस्तान तथा पाकिस्तान के लिये अमेरिका के उप विशेष प्रतिनिधि फ्रैंक रुगीरो ने भी पाकिस्तान से भारत की मदद की पेशकश स्वीकार करने को कहा है.
पाकिस्तान का करीब 20 फीसद हिस्सा भयंकर बाढ़ की चपेट में बताया जा रहा है. पिछले 80 सालों के दौरान देश में आई यह सबसे भीषण बाढ़ है.
क्राउले ने कहा कि अमेरिका ने कैरी-लुगर-बरमन बिल के तहत दीर्घकालिक सुरक्षा सहायता को लेकर भविष्य की नीति के बारे में सोचना शुरू कर दिया है. अमेरिका के लिये जरूरी होगा कि वह तीन हफ्ते पहले तक प्राथमिकता मानी जा रही जरूरतों पर आज की प्राथमिकताओं को तरजीह दे.