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पाक मुंबई हमलों के जिम्मेदारों को कानून के घेरे में लाए: ओबामा

अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी से कहा है कि पाकिस्तान मुंबई हमलों के जिम्मेदार लोगों को कानून के घेरे में लाए.

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अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी से कहा है कि पाकिस्तान मुंबई हमलों के जिम्मेदार लोगों को कानून के घेरे में लाए. ओबामा ने गिलानी से कहा कि इससे क्षेत्र में स्थितियों में सुधार आएगा. ओबामा ने इस दौरान पाकिस्तान के साथ किसी असैन्य परमाणु समझौते की प्रतिबद्धता भी नहीं जताई, जैसा अमेरिका ने भारत के साथ किया है.

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ ओबामा की मुलाकात के बाद ओबामा ने गिलानी से मुलाकात की. ओबामा ने पाकिस्तान के शीषर्स्थ प्रतिनिधिमंडल से कहा कि मनमोहन इस्लामाबाद के साथ संबंध सुधारने के प्रति गंभीर हैं, लेकिन चाहते हैं कि पाकिस्तान मुंबई हमले के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करे.

दोनों प्रतिनिधिमंडलों के साथ बैठक में गए एक सूत्र ने बताया ‘‘ओबामा ने कहा कि उनका मानना है कि मनमोहन सिंह पाकिस्तान के साथ वार्ता के प्रति गंभीर हैं, लेकिन मनमोहन चाहते हैं कि पाकिस्तान मुंबई हमलों के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करे.’’ सूत्रों के मुताबिक माना जा रहा है कि ओबामा ने कहा कि उनका भी मानना है कि पाकिस्तान का मुंबई हमलों के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करना ‘एक सकारात्मक कदम होगा.’{mospagebreak}

सूत्रों के मुताबिक गिलानी ने अमेरिका के समक्ष असैन्य परमाणु समझौते का मुद्दा भी उठाया, लेकिन अमेरिका ने इस पर कोई प्रतिबद्धता नहीं जताई. गिलानी ने अमेरिका के सामने वैसे ही असैन्य परमाणु समझौते का मुद्दा उठाया था, जैसा अमेरिका का भारत के साथ है. समझा जा रहा है कि बैठक के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति ने भारत और पाकिस्तान के बीच अच्छे संबंधों की अपनी इच्छा भी जाहिर की. समझा जा रहा है कि ओबामा ने कहा कि इससे पूरे क्षेत्र की स्थिति पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा.

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इस बात पर जोर देते हुए कि भारत और पाकिस्तान दोनों संप्रभु राष्ट्र हैं, ओबामा ने कहा कि भारत-पाक के संबंधों में सुधार दोनों के लिए फायदेमंद होगा. समझा जा रहा है कि गिलानी ने इस दौरान तर्क दिया कि पाकिस्तान ऐसे परमाणु समझौते के योग्य है और इससे उसकी उर्जा की कमी पूरी हो जाएगी.

पाकिस्तान के प्रतिनिधिमंडल में विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी, अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत हुसैन हक्कानी और चीन में पाकिस्तान के राजदूत मसूद खान शामिल थे. अमेरिका के प्रतिनिधिमंडल में राष्ट्रपति ओबामा के अलावा विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सेवानिवृत जनरल जेम्स जोंस और चीफ ऑफ स्टॉफ राहम एमैनुएल शामिल थे.

बैठक के बाद पाकिस्तानी मीडिया को संबोधित करते हुए गिलानी ने बैठक को बहुत सकारात्मक बताया। बैठक के दौरान गिलानी ने ओबामा को पाकिस्तान आने का न्यौता दिया, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया। इसकी तारीख बाद में घोषित की जाएगी.

व्हाइट हाउस ने बाद में एक वक्तव्य में कहा ‘‘ओबामा ने इस बात को रेखांकित करते हुए अपनी बात शुरू की कि उन्हें पाकिस्तान से बहुत लगाव है और अपने कॉलेज के दिनों में उन्होंने पाकिस्तान की यात्रा की थी.’’ वक्तव्य में कहा गया ‘‘राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री गिलानी से 24-25 मार्च को हुई सामरिक वार्ता के दौरान द्विपक्षीय संबंधों में हुई प्रगति के बारे में चर्चा की.

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राष्ट्रपति ओबामा ने पाकिस्तान के साथ दीर्घगामी संबंधों में परस्पर हित से जुड़े मुद्दों पर मिल कर काम करने की प्रतिबद्धता जताई.’’ वक्तव्य के मुताबिक ‘‘प्रधानमंत्री गिलानी ने भी रणनीतिक वार्ता के दौरान हुई प्रगति पर सहमति जताई. उन्होंने आशा जताई कि आपसी संबंधों के विभिन्न पहलुओं पर काम करने वाले समूह अगली सामरिक वार्ता बैठक की दिशा में प्रगति करेंगे, जो वर्ष 2010 के अंत में इस्लामाबाद में होनी निर्धारित है.’’

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