अब दागी नेताओं की खैर नहीं. 2 साल से ज्यादा की सज़ा मिलते ही अब सांसद, विधायकों की सदस्यता खत्म हो जाएगी. सुप्रीम कोर्ट ने जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 8 (4) के तहत नेताओं को मिला सुरक्षा कवच खत्म कर दिया है, जिसके तहत जनप्रतिनिधि अपील लंबित होने तक सदस्य बने रहते थे.
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद हमने जब हर राज्य के दागी नेताओं की छानबीन की तो बड़े ही चौंकाने वाले आंकड़े मिले. कुछ राज्यों में तो 72 फीसदी विधायकों के खिलाफ कोई ना कोई आपराधिक मामले चल रहे हैं. झारखंड, जहां की जनता को लंबे समय से चले आ रहे राष्ट्रपति शासन से मुक्ति मिलेगी. आज ही राज्य के राज्यपाल सैयद अहमद ने बुधवार को केंद्र सरकार से राज्य से राष्ट्रपति शासन हटाने की अनुशंसा की है जिससे जेएमएम-कांग्रेस की सरकार बनने का रास्ता साफ हो गया है. उसी झारखंड में सबसे ज्यादा 72 फीसदी विधायकों के खिलाफ कोई ना कोई आपराधिक मामले चल रहे हैं. यहां कुल दागी विधायकों की संख्या 55 है.
दागी विधायकों के आंकड़े के मामले में बिहार का स्थान दूसरा है जहां 58 फीसदी विधायक दागी है. बिहार में 140 विधायक ऐसे जिनके खिलाफ आपराधिक मामले चल रहे हैं. यहां धर्मनिरपेक्षता के मुद्दे पर बीजेपी और जेडीयू का गठबंधन टूट चुका है. लेकिन राजनीति के अपराधीकरण के खिलाफ कोई ठोस कदम उठाना यहां की सरकार के लिए आसान नहीं है.
51 फीसदी दागी विधायकों के साथ महाराष्ट्र ने इस शर्मनाक लिस्ट में तीसरा स्थान पाया है. कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन की सरकार वाली इस राज्य में कुल 146 विधायक ऐसे हैं जिनके खिलाफ कोई ना कोई आपराधिक मामले चल रहे हैं.
इसके बाद उत्तरप्रदेश की बारी आती है. सपा सरकार वाली इस प्रदेश में 47 फीसदी विधायक दागी हैं. लेकिन दागी विधायकों की संख्या के मामले में यह प्रदेश सबसे अव्वल है. यहां कुल 189 विधायक ऐसे हैं जिनके खिलाफ कोई ना कोई आपराधिक मामले चल रहे हैं.
30-35 फीसदी दागी विधायकों वाले राज्यों में पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, गुजरात, ओडिसा, तमिलनाडु, गोवा और पुडुचेरी.
दागी विधायकों के मामले में मणिपुर ही एकमात्र राज्य ऐसा है जो बिल्कुल बेदाग है. यहां एक भी विधायक ऐसा नहीं है जिसके के खिलाफ कोई आपराधिक मामला चल रहा हो. इस प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है.
कुछ अन्य राज्यों में दागी विधायकों का आंकड़ा कुछ इस प्रकार है. ये आंकड़े पिछले चुनाव में विधायकों द्वारा चुनाव आयोग को दिए गए शपथ पत्र के आधार पर है. इस आंकडे़ में चुनाव के बाद हुए अपराध को शामिल नहीं किया गया है.- आंध्रप्रदेश-75 (26%), अरुणाचल प्रदेश- 2 (3%), असम-13 (10%), छत्तीसगढ़- 9 (10%), दिल्ली- 8 (11%), हरियाणा- 15 (17%), हिमाचल प्रदेश- 14 (21%), जम्मू और कश्मीर- 7 (8%), झारखंड- 55 (72%), मध्य प्रदेश- 57 (26%), मेघालय- 1 (2%), मिजोरम- 4 (10%), नागालैंड- 1 (2%), पंजाब- 22 (19%), राजस्थान- 30 (15%), सिक्किम- 1 (3%), तमिलनाडु- 70 (30%), त्रिपुरा- 6 (10%), उत्तराखंड- 20 (29%). स्त्रोत-myneta.info
गौरतलब है कि नेशनल इलेक्शन वॉच की मई 2009 की रिपोर्ट के मुताबिक पंद्रहवीं लोकसभा में 150 दागी सांसद हैं. इनमें 73 के खिलाफ गंभीर आरोप हैं.