जातिगत आधार पर जनगणना कराये जाने संबंधी विपक्षी दलों की मांग को जायज ठहराते हुए केन्द्रीय वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने शनिवार को कहा कि संप्रग सरकार ने इस मामले में विपक्ष की मांग को स्वीकार कर लिया है.
छिंदवाड़ा में आयोजित विशाल ऋण मेले के लिये एक दिवसीय दौरे पर छिंदवाड़ा पहुंचे मुखर्जी ने संवाददाताओं से कहा कि जातिगत आधार पर जनगणना का काम वर्ष 1931 में हुआ था और देश की स्वतंत्रता के बाद भी जातिगत आधार पर जनगणना होनी चाहिये थी जबकि ऐसा नहीं हो सका था लेकिन अब संप्रग सरकार ने इसकी पहल की है.
एक प्रश्न के उत्तर में मुखर्जी ने कहा कि महिला आरक्षण विधेयक पर अब लोकसभा के आगामी सत्र में विचार किया जायेगा. उन्होंने कहा कि संप्रग सरकार ने आयकर की टर्न ओवर सीमा 40 लाख से बढाकर 60 लाख की है और अब खर्चों की सीमा को 20 हजार से अधिक करने पर विचार किया जायेगा. मुखर्जी ने कहा कि वर्ष 1984 में उन्होंने टर्न ओवर की सीमा 40 लाख रुपये की थी और उसके बाद अनेक वित्त मंत्री आये लेकिन किसी ने भी इस सीमा को बढ़ाने पर विचार नहीं किया जबकि वर्ष 2009-10 में पुन: इस मामले पर विचार करते हुए सीमा बढ़ायी गयी है.
इससे पहले मुखर्जी ने पोलो ग्राउंड पर आयोजित ऋण मेले में 11500 लोगों को 75 लाख रुपये के ऋण वितरित किये. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि केन्द्रीय भूतल परिवहन मंत्री कमलनाथ के नेतृत्व में देश में प्रतिदिन 20 किलोमीटर सड़क बनाने का काम चल रहा है.
कमलनाथ ने राजनीति में खुद को लाने का श्रेय प्रणव मुखर्जी को देते हुए कहा कि वर्ष 1984 में मुखर्जी ने छिंदवाड़ा सिंवनी क्षेत्रीय बैंक का उद्घाटन किया था. प्रदेश की भाजपा सरकार की अलोचना करते हुए कमलनाथ ने कहा कि भाजपा की चतुराई चालाकी भड़काने और गुमराह करने की राजनीति को प्रदेश की जनता अच्छी तरह समझ चुकी है.