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Opinion: अरविंद केजरीवाल का मास्टर स्ट्रोक

आम आदमी पार्टी ने देर से ही सही अपने पत्ते खोलने शुरू कर दिए हैं. पार्टी के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल जनता के सवालों के जवाब देते-देते थक से गए हैं. सवाल उन तमाम वादों पर हैं जो पूरे नहीं हो पाए हैं और जिनके बारे में उन्होंने कहा था कि पार्टी के सत्ता में आने के कुछ ही दिनों में वे पूरे हो जाएंगे. उनकी समस्या यह थी कि ये वादे ऐसे नहीं थे कि वे हफ्ते या दस दिनों में पूरे कर दें जबकि उन्होंने उत्साह के अतिरेक में जनता के सामने उन्हें रख दिया.

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शीला दीक्षित पर केजरीवाल का 'वार'
शीला दीक्षित पर केजरीवाल का 'वार'

आम आदमी पार्टी ने देर से ही सही अपने पत्ते खोलने शुरू कर दिए हैं. पार्टी के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल जनता के सवालों के जवाब देते-देते थक से गए हैं. सवाल उन तमाम वादों पर हैं जो पूरे नहीं हो पाए हैं और जिनके बारे में उन्होंने कहा था कि पार्टी के सत्ता में आने के कुछ ही दिनों में वे पूरे हो जाएंगे. उनकी समस्या यह थी कि ये वादे ऐसे नहीं थे कि वे हफ्ते या दस दिनों में पूरे कर दें जबकि उन्होंने उत्साह के अतिरेक में जनता के सामने उन्हें रख दिया. आलोचनाओं को झेलते हुए अब वह उस मुकाम पर आ गए थे कि उन्हें कुछ बड़ा कर दिखाना ही था. ऐसा कुछ बड़ा जिससे जनता में अच्छा संदेश जाए और वह शहीद होने की स्थिति आ जाएं.

1984 दंगों की जांच के लिए उन्होंने आदेश तो दे ही दिया, अब शीला दीक्षित पर ही हमला बोल दिया है. उन्होंने चुनाव के पहले ऐलान किया था कि भ्रष्टाचार के आरोप में वह शीला दीक्षित को जेल की हवा खिलाएंगे. अब उन्होंने कॉमनवेल्थ गेम्स में भ्रष्टाचार की फाइल एंटी करप्शन ब्यूरो में भेज दी है. इसका मतलब यह हुआ कि अब पूर्व सीएम पर एफआईआर दर्ज होगी.

दिल्ली का बच्चा-बच्चा यह जानता है कि कॉमनवेल्थ गेम्स में जमकर भ्रष्टाचार हुआ और अफसरों तथा नेताओं ने खूब लूट मचाई. लेकिन फंसे तो सिर्फ कलमाडी. दिल्ली की सीएम, अन्य नेता और अफसर बेदाग बचकर निकल गए. उन पर उंगलियां तो उठीं लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.

अब केजरीवाल ने एक बढ़िया दांव खेला है. उन्हें पता है कि इस मुद्दे पर उनकी सरकार गिर सकती है. कांग्रेस शायद ही इस चोट को बर्दाश्त कर पाए. शीला दीक्षित आलाकमान की सबसे प्रिय नेताओं में रही हैं और हमेशा ही उन्हें वहां शरण मिली है. सोनिया गांधी से उनके अंतरंग संबंध रहे हैं और यही कारण था कि जब भी दिल्ली कांग्रेस में असंतोष की लहर उठती थी, उसे दबा दिया जाता था. बेशक कांग्रेस के नेता कुछ भी कहें, सीएम केजरीवाल का यह वार ऐसा है कि पार्टी को कोई बड़ा कदम उठाना ही होगा और यही वह चाहते हैं.

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कांग्रेस का हर बड़ा कदम आम आदमी पार्टी को लोकप्रिय बनाएगा. हो सकता है बात समर्थन वापस लेने तक चली जाए. यह आम आदमी पार्टी के भविष्य के लिए बढ़िया होगा क्योंकि बाद के चुनाव में वह कह सकते हैं कि उनकी ईमानदार सरकार "बेईमानों" ने गिरा दी. यह अगले चुनाव और लोकसभा चुनाव में उनके लिए बढ़िया अस्त्र बन सकता है. कांग्रेस द्वारा सरकार का गिराया जाना पार्टी के हित में है. इसके बाद वह शहीदी मुद्रा में खड़े हो सकते हैं.

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