scorecardresearch
 

Opinion: पाकिस्तान के पैंतरे में दम नहीं है

पाकिस्तान एलओसी पर गोलीबारी के लिए भारत को ही जिम्मेदार ठहरा रहा है जबकि सच्चाई यह है कि हर साल इन महीनों में आतंकियों को भारत में घुसाने के लिए उसकी फौज और रेंजर्स गोलीबारी करते हैं. यह बहुत पुराना और घिसा-पिटा तरीका है. वे गोलियां चलाते हैं ताकि उनकी आड़ में आतंकी भारत की सीमा में घुस सकें. आईएसआई की देखरेख में यह काम होता है. लेकिन इस बार भारत ने जता दिया कि वह इसका मुंहतोड़ जवाब देगा.

Advertisement
X

पाकिस्तान एलओसी पर गोलीबारी के लिए भारत को ही जिम्मेदार ठहरा रहा है जबकि सच्चाई यह है कि हर साल इन महीनों में आतंकियों को भारत में घुसाने के लिए उसकी फौज और रेंजर्स गोलीबारी करते हैं. यह बहुत पुराना और घिसा-पिटा तरीका है. वे गोलियां चलाते हैं ताकि उनकी आड़ में आतंकी भारत की सीमा में घुस सकें. आईएसआई की देखरेख में यह काम होता है. लेकिन इस बार भारत ने जता दिया कि वह इसका मुंहतोड़ जवाब देगा.

भारतीय सैनिकों और अर्द्ध सैनिक बलों ने पाकिस्तान को जो जवाब दिया है उससे वह तिलमिला गया है. उसे लग रहा है कि इस तरह से आतंकियों को भारत की सीमा में घुसाना महंगा पड़ सकता है. भारतीय सैनिकों ने जो कार्रवाई की है उससे पाकिस्तानियों के होश उड़ गए हैं. उन्हें ऐसे जवाब की उम्मीद नहीं थी. अब वे इस मामले को अंतर्राष्ट्रीय मुद्दा बनाना चाहते हैं. लेकिन इसमें भी उन्हें सफलता नहीं मिल रही है और वे हताश हो रहे हैं.

दरअसल अपने अंदरूनी मामलों से हैरान-परेशान नवाज शरीफ की सरकार अब भारत की ओर रुख कर रही है. पाकिस्तान में सरकारें और नेता जब चूक जाते हैं तो वे भारत तथा कश्मीर का राग अलापते हैं. वे तुरंत भारत का हौव्वा खड़ा कर देते हैं. उनके लिए इससे अच्छा विषय कोई नहीं है. वहां के कठमुल्ले तो इस काम में पारंगत ही हैं, राजनीतिक नेता भी इस फॉर्मूले को आजमाते रहते हैं. सच तो यह है कि पाकिस्तान 1971 की हार को भूल नहीं पाया और तब से अब तक बदला लेने की फिराक में रहा. उसकी फौज हमेशा इस ताक में रहती है कि सीधी लड़ाई के बजाय प्रॉक्सी वॉर से कैसे भारत को हरा दें और उसी कड़ी में आतंकियों को भारत भेजने का यह खेल चलता रहता है. अगर इससे बात नहीं बनती है तो वे सीमा पर गोलीबार करके इल्जाम भारत पर थोप देते हैं. दूसरी ओर वहां की सरकार है जो देश की खस्ता हालत से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए भी भारत राग अलापती रहती है.

Advertisement

इस समय नवाज शरीफ की किस्ती डगमगा रही है और वह घरेलू समस्याओं से इतने परेशान हो चुके हैं कि भारत कार्ड खेलना उनके लिए लाजिमी हो गया है. अपने अस्तित्व की रक्षा के लिए वह इस कार्ड को अब खुले आम खेल रहे हैं. कुछ भी हो. इन चालों और प्रस्तावों से भारत का कुछ बिगड़ने वाला नहीं है. अब अंतर्राष्ट्रीय जगत में भी यह बात आम हो गई है कि पाकिस्तान कश्मीर की बात महज अपने स्वार्थ के लिए उठाता है और माहौल खराब करता है.

Advertisement
Advertisement