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Opinion: नटवर की बातें सच से दूर नहीं

पूर्व राजनयिक और मंत्री नटवर सिंह ने हेडलाइन्स टुडे चैनल के साथ बातचीत में कई खुलासे किए. इनमें से कुछ के बारे में लगभग सभी को जानकारी थी और कुछ ऐसी भी थीं कि पहली बार जगजाहिर हुईं. इनमें सबसे बडा़ खुलासा यह था कि राहुल गांधी ने अपनी मां से कहा था किवह प्रधानमंत्री ना बनें. उनका कहना था कि इस पद पर बैठने वाली उनकी दादी और पिता की नृशंस हत्या हुई और वह अपनी मां को खोना नहीं चाहते. उनकी इस ज़िद के कारण सोनिया गांधी ने पीएम बनना नहीं स्वीकार किया और मनमोहन सिंह का चुनाव हुआ. इसी तरह उनकायह खुलासा कि 1991 में सोनिया गांधी शंकर दयाल शर्मा को प्रधानमंत्री बनाना चाहती थीं न कि नरसिंह राव को, हैरान कर देने वाला है.

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पूर्व राजनयिक और मंत्री नटवर सिंह ने हेडलाइन्स टुडे चैनल के साथ बातचीत में कई खुलासे किए. इनमें से कुछ के बारे में लगभग सभी को जानकारी थी और कुछ ऐसी भी थीं कि पहली बार जगजाहिर हुईं. इनमें सबसे बडा़ खुलासा यह था कि राहुल गांधी ने अपनी मां से कहा था कि वह प्रधानमंत्री ना बनें. उनका कहना था कि इस पद पर बैठने वाली उनकी दादी और पिता की नृशंस हत्या हुई और वह अपनी मां को खोना नहीं चाहते. उनकी इस ज़िद के कारण सोनिया गांधी ने पीएम बनना नहीं स्वीकार किया और मनमोहन सिंह का चुनाव हुआ. इसी तरह उनका यह खुलासा कि 1991 में सोनिया गांधी शंकर दयाल शर्मा को प्रधानमंत्री बनाना चाहती थीं न कि नरसिंह राव को, हैरान कर देने वाला है.

नटवर सिंह उन नेताओं में रहे जिनका पार्टी में बहुत महत्व था और जो सोनिया के मुट्ठी भर करीबी लोगों में रहे. उनके खुलासों पर उंगली उठाने का कोई कारण नहीं. आखिर सोनिया गांधी प्रधानमंत्री नहीं बनीं तो उसकी कोई वजह तो जरूर थी. उन्होंने महज त्याग की खातिर ऐसा किया, यह मानने की कोई ठोस वजह नहीं है. यह मानने की भी कोई वजह नहीं है कि नटवर सिंह के साथ सोनिया और कांग्रेस ने जो दुर्व्‍यवहार किया, उस कारण उन्होंने ये बातें लिखीं और कहीं. नटवर सिंह की बातों में हो सकता है कुछ अतिशयोक्ति हो, लेकिन वे सच से दूर नहीं हैं. उनकी इस बात की कि सोनिया गांधी की पहुंच हर जरूरी फाइल तक थी, पहले ही तस्दीक हो चुकी है.

मनमोहन सिंह के सलाहकार रहे डॉक्टर संजय बारू ने साफ कर दिया था कि पुलोक चटर्जी के जरिये तमाम फाइलें सोनिया गांधी तक पहुंचाई जाती थीं. बहरहाल सवाल यह नहीं है कि नटवर सिंह सच बोल रहे हैं या नहीं. सवाल तो यह है कि अगर नटवर सिंह गलतबयानी कर रहे हैं तो सच क्या है? सोनिया गांधी यह कहकर इस मामले को टाल रही हैं कि वे भी एक किताब लिखेंगी. लेकिन किताब जब लिखी जाएगी तब क्या होगा, इसका अभी से कयास लगाना निरर्थक है. फिलहाल तो नटवर सिंह ने जो खुलासे किए हैं उनके बारे में बातें की जाएं. अगर नटवर सिंह को सोनिया गांधी पर दाग लगाना ही था तो वे उन पर गंभीर आरोप लगा सकते थे लेकिन उन्होंने ऐसा करना उचित नहीं समझा.

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कांग्रेस लगभग छह दशकों तक सत्ता में रही है और उस दौरान कई बड़े घोटाले और गलतियां हुईं, नटवर सिंह चाहते तो उनमें से कइयों का वह खुलासा कर देते. लेकिन अपने सज्जन और विवेकपूर्ण स्वभाव के कारण उन्होंने ऐसा करना उचित नहीं समझा. नटवर सिंह के इस इंटरव्यू से जो बातें सामने आईं उनमें सच्चाई दिखती है. सोनिया गांधी को इस पर इतनी प्रतिक्रिया देने की जरूरत नहीं थी.

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