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कांग्रेस ने मुलायम सिंह यादव के परिवार वालों के क्षेत्रों का जिम्मा बेनी को सौंपा

मुलायम सिंह यादव और उनके परिवार को उनके घर में ही घेरने के लिए कांग्रेस ने जिम्मा इस्पात मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा को सौंप दिया है. राहुल गांधी के निर्देश पर यूपी से चुने गए केंद्रीय मंत्रियों को 10-10 जिलों का प्रभार सौंपा गया है, जिसमें बेनी बाबू को चुन चुनकर वो जगह दी गई है, जहां से यादव परिवार चुनाव लड़ता है.

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मुलायम सिंह यादव
मुलायम सिंह यादव

मुलायम सिंह यादव और उनके परिवार को उनके घर में ही घेरने के लिए कांग्रेस ने जिम्मा इस्पात मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा को सौंप दिया है. राहुल गांधी के निर्देश पर यूपी से चुने गए केंद्रीय मंत्रियों को 10-10 जिलों का प्रभार सौंपा गया है, जिसमें बेनी बाबू को चुन चुनकर वो जगह दी गई है, जहां से यादव परिवार चुनाव लड़ता है.

राहुल बाबा के इस कदम से एक बात तो साफ हो गई कि बेनी बाबू की तोप से गोले चलते रहेंगे. बेनी प्रसाद पहले भी मुलायम पर कटाक्ष करते आए हैं. बेनी एक बार ये भी कह चुके हैं कि मुलायम तो पीएम के घर झाड़ू लगाने लायक भी नहीं हैं.

समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव भले ही अब भी यूपीए सरकार पर मेहरबान हैं, लेकिन कांग्रेस उन पर हमला करने का कोई मौका नहीं छोड़ रही है. तभी तो राहुल गांधी ने जब मंत्रियों को उत्तर प्रदेश में 10-10 जिलों के काम करने का प्रभार दिया तो बेनी बाबू को सबसे अहम काम दिया गया. बेनी बाबू को मुलायम सिंह यादव के परिवार वाले एटा, मैनपुरी, फर्रुखाबाद जैसे इलाके दिए गए हैं. बेनी बाबू इन इलाकों में महीने में दो बार दौरा करेंगे. जाहिर तौर पर निशाने पर मुलायम ही होंगे.

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सलमान खुर्शीद को पश्चिमी उत्तर प्रदेश का प्रभार दिया गया है. प्रदीप जैन आदित्य को बुंदेलखंड में काम पर लगाया गया है. जितिन प्रसाद को पू्र्वांचल का इलाका दिया गया है. आर पी एन सिंह को बनारस और आजमगढ़ के साथ लखनऊ जैसे इलाके दिए गए हैं.

श्रीप्रकाश जयसवाल को कुशीनगर, बस्ती और बाराबंकी का काम दिया गया है.

उत्तर प्रदेश के प्रभारी महासचिव मधुसुदन मिस्त्री ने कहा, 'इन मंत्रियों को इलाके दिए गए हैं ताकि वहां पर कार्यकर्ताओं और लोगों के काम हो सकें.'

इतना ही नहीं राहुल ने यूपी की टीम में भी कई बदलाव किए हैं. करीब 30 जिलों के अध्यक्ष बदले गए हैं, तो जोनल सिस्टम को फिर से शुरू किया गया है. इसके अलावा प्रदेश कांग्रेस कमेटी से लेकर ब्लॉक कमेटी तक बना दी जाएगी.

दरअसल कांग्रेस उत्तर प्रदेश में 22 लोकसभा सीटों के अपने प्रदर्शन को दोहराना चाहती है और राहुल इसमें कोई कमी नहीं छो़डना चाहते.

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