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अब भगत सिंह के भतीजे का दावा, शहीद-ए-आजम के परिवार की भी हुई थी 'जासूसी'

खुफिया ब्यूरो (आईबी) की ओर से नेताजी सुभाष चंद्र बोस के रिश्तेदारों की जासूसी के मुद्दे पर विवाद के बीच भगत सिंह के भतीजे अभय सिंह संधु ने शनिवार को दावा किया कि ‘शहीद-ए-आजम’ के परिवार पर भी कई सालों तक निगरानी रखी गई.

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भगत सिंह
भगत सिंह

खुफिया ब्यूरो (आईबी) की ओर से नेताजी सुभाष चंद्र बोस के रिश्तेदारों की जासूसी के मुद्दे पर विवाद के बीच भगत सिंह के भतीजे अभय सिंह संधु ने शनिवार को दावा किया कि ‘शहीद-ए-आजम’ के परिवार पर भी कई सालों तक निगरानी रखी गई.

उन्होंने मांग की कि सरकार भगत सिंह से जुड़ी सभी फाइलें सार्वजनिक करें. 57 साल के संधु ने बताया, ‘हमारे परिवार पर कई सालों तक निगरानी रखी गई. फोन पर होने वाली हमारी बातचीत भी सालों तक निगरानी के दायरे में रही.’ उन्होंने कहा कि ब्रिटिश शासन के समय से ही उनके परिवार पर पैनी नजर ररखी गई.

उन्होंने दावा किया, ‘देश की आजादी के बाद भी हम खुफिया एजेंसियों की नजर में थे.’ संधु ने यह मांग भी की कि भगत सिंह के चाचा और स्वतंत्रता सेनानी सरदार अजित सिंह से जुड़ी फाइलें भी सार्वजनिक की जाए. उन्होंने कहा, ‘हम वह सारी चीज जानना चाहते हैं जो ब्रिटिश सरकार ने सरदार अजित सिंह और शहीद भगत सिंह के बारे में लिखी थी. सारे रिकॉर्ड को सार्वजनिक किया जाना चाहिए. सरकार रिकॉर्ड क्यों छुपा रही है ? हमें उम्मीद है कि मौजूदा केंद्र सरकार जल्द ही इस बाबत कदम उठाएगी.’

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संधु भगत सिंह के छोटे भाई सरदार कुलबीर सिंह के बेटे हैं जिनका जन्म 1914 में हुआ था और वह फिरोजपुर से जनसंघ के विधायक थे. संधु ने कहा, ‘मेरे पिता दिवंगत सरदार कुलबीर सिंह ने दोनों से जुड़ी वे फाइलें और रिकॉर्ड प्राप्त करने की कोशिश की थी जिन्हें दिल्ली के राष्ट्रीय अभिलेखागार में रखा गया है.’ उन्होंने कहा कि उन्हें बताया गया कि फाइलें ‘गुप्त’ हैं और 20-30 सालों तक के लिए अहस्तांतरीण हैं.

उन्होंने कहा, ‘मेरे पिता का निधन 1983 में हुआ था, लेकिन उसके बाद भी जब हमने मांग की तो हमें वही जवाब मिला.’ संधु ने कहा कि कुलबीर सिंह की मौत के बाद भी उनके परिवार ने दस्तावेज हासिल करने की कोशिश की लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ.

इनपुट भाषा से

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