नोएडा के मशहूर मेट्रो अस्पताल में गुरुवार की दोपहर आग लग गई. दमकल की करीब 6 गाड़ियां आग बुझाने में जुटी हैं. मौके पर गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन के अफसर मौजूद हैं. लेकिन हैरानी की बात यह है कि अस्पताल की ऊपरी मंजिलों पर लोगों को डंडों और हथौड़ों से शीशे तोड़ते देखा गया है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या अस्पताल का फायर फाइटिंग सिस्टम फेल हो गया है?
सवाल इसलिए भी खड़े हो रहे हैं क्योंकि आग की शुरुआत शॉर्ट सर्किट से हुई, लेकिन देखते-देखते हालात बहुत ज्यादा खराब हो गए. संकट की इस घड़ी में धुंए और चीखों के बीच अस्पताल के कई डॉक्टर और नर्स मरीजों को ऊपर की मंजिलों में छोड़कर भाग खड़े हुए. इस दौरान जिन मरीजों को ऑक्सीजन लगी हुई थी, वे फंस गए. ऊपर की मंजिलों में फंसे मरीजों को नीचे खड़े लोगों से बचाने की गुहार लगाते देखा गया. इमारत के भीतर धुंआ काफी भरा हुआ है. ऐसे में जान बचाने के लिए कुछ लोग शीशा तोड़कर अस्पताल से नीचे उतरने की कोशिश कर रहे हैं.
आशंका जताई जा रही है कि कुछ लोग अस्पताल के ऊपरी मंजिलों में बाथरूम और स्टोर रूम में छुपे हो सकते हैं. जिला अग्निशमन अधिकारी ने भी ऐसी ही आशंका जताई है. उनके मुताबिक दमकल के कर्मचारी एक-एक कमरे की तलाशी लेने की कोशिश कर रहे हैं ताकि अगर कोई ऐसा शख्स कहीं छुपा है तो वक्त रहते हुए बचा लिया जाए.
ऐसे में अस्पताल प्रबंधन पर कई गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं.
1.क्या अस्पताल ने फायर एनओसी ली थी?
2.क्या फायर डिपार्टमेंट के सभी मानक पूरे किए गए थे?
3. क्या ऐसी स्थिति से निपटने के लिए कभी ड्रिल कराई गई थी?
4. क्या अस्पताल में आग जैसी स्थिति से निपटने के लिए प्रशिक्षित लोगों की तैनाती की गई थी?
बता दें कि मेट्रो अस्पताल को मशहूर हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. पुरुषोत्तम लाल चलाते हैं. वे पद्म विभूषण जैसे सम्मान से नवाजे जा चुके हैं.