दिल्ली में घटते लिंगानुपात पर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जाहिर की है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि लिंगानुपात में बढ़ोतरी न होना ज्वलंत मुद्दा है, इसके बाद भी जमीनी स्तर पर कुछ नहीं हुआ.
सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के हलफनामे पर भी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि इसमें दी गई जानकारी अधूरी है. कोर्ट ने कहा कि PNDT एक्ट कई साल पहले बना था, फिर भी लिंगानुपात में कमी यह बताती है कि कानून को ठीक ढंग से लागू नहीं किया गया. यह बच्ची के प्रति अपमान को दर्शाता है.
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली की सभी निचली अदालत को निर्देश दिया कि PNDT एक्ट से संबंधित सभी मामलों का निपटारा 30 सितंबर, 2015 से पहले किया जाए. साथ ही इस बाबत दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस एक सर्कुलर जारी करें.
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले से संबंधित विभाग से कहा है कि वह ई-मेल सिस्टम शुरू करे, जिसमें लोग अपनी शिकायतें दर्ज करा सकें और यह बता सकें कि कहां-कहां लिंग परीक्षण हो रहा है.