विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि तापमान में वृद्धि या कमी का स्वाइन फ्लू के वायरस पर कोई असर नहीं होता है.
दुनिया भर के देशों से स्वाइन फ्लू के मामलों और मौतों की मिली जुली रिपोर्ट का हवाला देते हुए डब्ल्यूएचओ ने कहा कि एच1एन1 वायरस ने विभिन्न देशों में लोगों को संक्रमित किया है. विभिन्न देशों की जलवायु भी अलग अलग है. इस वायरस पर विभिन्न देशों के अलग अलग तापमान का कोई असर नहीं हुआ है.
डब्ल्यूएचओ की एक रिपोर्ट के अनुसार कि दुनिया भर में प्रयोगशालाओं में महामारी इन्फ्लुएंजा के 1. 8 लाख ऐसे मामले हैं जिनकी पुष्टि हो चुकी है. 177 देशों में इस बीमारी से करीब 1,800 लोगों की मौत हो चुकी है.