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निरुपमा का लैपटॉप प्रियभांशु के पास से जब्त

निरुपमा पाठक मामले ने रविवार को उस समय एक नया मोड़ ले लिया जब पुलिस ने कहा कि निरुपमा का लैपटॉप उसके प्रेमी प्रियभांशु रंजन के पास से जब्त किया है और उसका डाटा मौजूद नहीं है.

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निरुपमा पाठक मामले ने रविवार को उस समय एक नया मोड़ ले लिया जब पुलिस ने कहा कि निरुपमा का लैपटॉप उसके प्रेमी प्रियभांशु रंजन के पास से जब्त किया है और उसका डाटा मौजूद नहीं है.

पुलिस ने कहा कि कोडरमा से आए पुलिस दल ने रंजन के कब्जे से निरुपमा की कुछ वस्तुएं बरामद की जिनमें लैपटॉप और उसकी डायरी शामिल है. पुलिस रंजन का मोबाइल फोन भी अपने साथ ले गई है. पुलिस महानिदेशक नियाज अहमद ने कहा कि यह एक गंभीर मामला है और इसकी पूरी संजीदगी से जांच की जा रही है.

यह पूछे जाने पर कि क्या इसकी सीबीआई से जांच कराये जाने की जरूरत है, उन्होंने कहा ‘हम अपना काम कर रहे हैं और इसकी जरूरत नहीं है.’ उन्होंने कहा कि एक तरफ रंजन से दिल्ली में पूछताछ की गई जबकि निरुपमा के परिवार वालों से कोडरमा में पूछताछ हुई. बहरहाल, सम्पर्क किये जाने पर प्रियभांशु ने कहा कि उसे निरुपमा का एसएमएस प्राप्त हुआ था जिसमें उसने लैपटॉप में दर्ज फोटोग्राफ को पेनड्राइव में डालने और बाद में उसे डिलिट करने को कहा था. यह एसएमएस उसे 27 अप्रैल को रात में नौ बजकर 31 मिनट पर प्राप्त हुए थे. {mospagebreak}

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22 वर्षीया निरुपमा 29 अप्रैल को कोडरमा के तिलैया थाना क्षेत्र में अपने माता पिता के घर पर रहस्यमय परिस्थितियों में मृत पायी गई थी. निरुपमा के परिवार के लोगों ने रंजन पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया है जबकि लड़के ने परिवार वालों पर हत्या करने का आरोप लगाया है. बहरहाल, रंजन के पिता ने दावा किया कि जिस दिन उसकी मौत हुई, उस दिन उसने एसएमएस भेज कर कहा था कि परिवारवालों ने उसे बाथरूम में बंद कर रखा है.

रंजन के पिता रमाशंकर कंठ ने बताया, ‘जिस दिन निरुपमा की मौत हुई उस दिन मेरे पुत्र प्रियभांशु ने मुझे बताया था कि उसे निरुपमा से एक एसएमएस मिला जिसमें उसने लिखा था कि उसके मां, पिता और भाइयों ने उसे घर के बाथरूम में बंद कर रखा है.’ कंठ दरभंगा में हैं. वहीं मामले में गिरफ्तार निरुपमा की मां सुधा पाठक को तीन दिन के पेरोल पर अंतिम क्रियाकर्म में भाग लेने के लिए रिहा किया गया. कोडरमा के जेल अधीक्षक मार्टिन रंजन ने बताया कि स्थानीय अदालत के आदेश के बाद उन्हें झुमरी तिलैया स्थित घर जाने की अनुमति दी गई. सुधा ने अपनी बेटी के श्राद्धकर्म में शरीक होने के लिए शुक्रवार को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी एनके अग्रवाल की अदालत में आवेदन किया था. पुलिस की उपस्थिति में सुधा श्राद्ध कार्यक्रम में शरीक हुइ’. {mospagebreak}

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निरुपमा के परिवार की ओर से प्रियभांशु पर बलात्कार और आत्महत्या के लिए उकसाने का एक मामला दर्ज कराया गया है. लेकिन कंठ ने कहा कि निरुपमा के परिवारवाले अपने को बचाने के लिए उनके बेटे को फंसाने का प्रयास कर रहे हैं. अपने पुत्र के खिलाफ बलात्कार, आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किए जाने पर उन्होंने कहा, ‘मेरा बेटा निर्दोष है. वह किसी भी तरह से मामले में शामिल नहीं है.’ निरुपमा की मां ने दावा किया था कि यह आत्महत्या का मामला है. हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बताया गया कि निरुपमा की मौत गला दबाने से हुई थी और वह गर्भवती थी. पोस्टमार्टम में उनके गर्भ में 10 से 12 हफ्ते का भ्रूण पाया गया था.

ऐसा दावा किया गया है कि निरुपमा और प्रियभांशु शादी की योजना बना रहे थे जो निरुपमा के घरवालों को मंजूर नहीं था क्योंकि दोनों की जातियां अलग थी. दोनों नई दिल्ली के भारतीय जनसंचार संस्थान के छात्र थे और दिल्ली के आर्य समाज मंदिर में छह मार्च को शादी करने वाले थे. जिस दिन निरुपमा की मौत हुई उस दिन रंजन को भेजे एक एसएमएस में उसने अपने मित्र से धर्य रखने को कहा था. उसने रंजन को कोई भी बड़ा कदम उठाने से मना किया था. {mospagebreak}

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इस बीच निरुपमा का पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों ने उपायुक्त राजीव अरुण इक्का से गुहार लगाई है कि उनसे पूछताछ तिलैया पुलिस थाने के बदले सदर अस्पताल में की जाए. स्थानीय पुलिस ने यह जानकारी दी. पुलिस द्वारा शनिवार को डॉक्टरों को तिलैया थाना आने का समन जारी करने के बाद उन्होंने उपायुक्त से यह अपील की. पुलिस ने बताया कि कोडरमा के पुलिस अधीक्षक जी क्रांति कुमार निरुपमा के आवास पर गए और चार घंटों तक उनके पिता धर्मेंद्र पाठक, उसके भाई और मुंबई में आयकर निरीक्षक समरेंद्र पाठक तथा परिवार के अन्य सदस्यों से पूछताछ की. इस संबंध में कुछ पड़ोसियों से भी पूछताछ की गई.

पुलिस ने बताया कि रंजन से पूछताछ करने के लिए वरिष्ठ पुलिस अधिकारी शिवप्रकाश सिंह की अगुवाई में दिल्ली गई एक टीम दिल्ली पुलिस से संपर्क में है. अधिकारियों ने बताया कि विस्तृत जांच रिपोर्ट जल्द ही मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में जमा किया जाएगा. रंजन के पिता कंठ ने निरुपमा के पिता और परिवार के अन्य सदस्यों पर रंजन के खिलाफ झूठे आरोप लगाने का दावा किया. उन्होंने कहा, ‘हमें विश्वास था कि दोनों पत्रकार हैं इसलिए कुछ भी नहीं होगा लेकिन जो भी हुआ वह चौंकाने वाला था.’ राज्य सरकार के कर्मचारी और प्रखंड कार्यालय में पदस्थापित कंठ ने कहा वह मामले की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच चाहते हैं ताकि निरुपमा की मौत की परिस्थितियों का पता लग सके .

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