राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने संदिग्ध आतंकवादी डेविड कोलमन हेडली के भारतीय सहयोगियों की पहचान, स्थिति और संख्या बल को काफी गोपनीय रखा है और उसने अदालत से भी पूर्ण गोपनीयता बरतने की मांग की है.
एनआईए ने यहां की विशेष अदालत से कहा है कि हेडली की मदद करने वाले भारतीय संदिग्ध केरल और मुंबई के हैं. इन भारतीय संदिग्धों ने दिल्ली, मुंबई और देश के अन्य हिस्सों में साल 2005 से 2009 के बीच आतंकवादी हमलों की साजिश रचने और उसे अंजाम देने में मदद की थी.
संदिग्धों का लाई डिटेक्शन टेस्ट कराने की मांग करने के दौरान एजेंसी ने अदालत को इस बारे में सूचित किया. इसपर अदालत ने उन लोगों की सहमति लेने को कहा जिनके नाम सीलबंद कवर में दिए गए हैं.
उनके नंबर, पते तथा स्थिति (वे हिरासत में हैं अथवा नहीं) इसका खुली अदालत में खुलासा नहीं किया गया है क्योंकि अदालत को ये विवरण सीलबंद कवर में दिए गए.
अदालत ने एनआईए से परीक्षण कराने के लिए आरोपियों से लिखित में रजामंदी लेने और उसे दर्ज कराने को कहा. हालांकि, यह ज्ञात नहीं है कि एजेंसी को अदालत की सहमति पाने से पहले कितना वक्त दिया गया है.
लाई डिटेक्शन टेस्ट के कदम का इसलिए महत्व है क्योंकि एनआईए ने हाल में ही दो पाकिस्तानी अधिकारियों मेजर इकबाल और मेजर समीर अली के साथ लश्कर के आतंकवादियों साजिद माजिद, सैयद अब्दुर रहमान तथा इलियास कश्मीरी के खिलाफ गैर जमानती वारंट हासिल किया था ताकि उनके खिलाफ इंटरपोल से रेड कार्नर नोटिस जारी करवाया जा सके.