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भारत-नेपाल का इकलौता रेलमार्ग 10 साल बाद एक बार फिर होगा शुरू

बिहार के जयनगर से नेपाल के बर्दीबास तक सिंगल लाइन का निर्माण प्रस्तावित है. 800 करोड़ रुपये की लागत से करीब 69 किलोमीटर पटरी बिछाई जा रही है.

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भारत-नेपाल रेलमार्ग फिर होगा शुरू
भारत-नेपाल रेलमार्ग फिर होगा शुरू

भारतीय रेल भारत और नेपाल के निवासियों को बड़ा तोहफा देने जा रही है. बिहार के सीमावर्ती शहर जयनगर से नेपाल के बर्दीबास के लिए लगभग 70 किलोमीटर लंबी लाइन पर अक्टूबर 2018 से ट्रेनों का परिचालन फिर से शुरू होगा.

बिहार के जयनगर से नेपाल के बर्दीबास तक सिंगल लाइन का निर्माण प्रस्तावित है. 800 करोड़ रुपये की लागत से करीब 69 किलोमीटर पटरी बिछाई जा रही है. इसमें 3 किलोमीटर रेलवे लाइन बिहार में और 66 किलोमीटर नेपाल में है.

पहले चरण में जयनगर से मिथिला नरेश राजर्षि जनक की पौराणिक राजधानी जनकपुर होते हुए कुर्था तक 35 किलोमीटर लाइन बिछाने का काम तेजी से चल रहा है. इस फेज में काफी हद तक पुल, पुलिया का निर्माण पूरा हो चुका है. स्टेशन व हॉल्ट भी तैयार हो गए हैं. अब सिर्फ रेल पटरी बिछाने का काम बाकी है.

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रेल मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक निर्माण कंपनी इरकॉन ने अप्रैल 2018 तक जयनगर से नेपाल के कुर्था तक रेल पटरी बिछाने का काम पूरा करने का लक्ष्य रखा है. अक्टूबर 2018 तक ट्रेन का ट्रायल भी पूरा कर लेने की योजना है. इसके बाद नियमित रूप से ट्रेनों का परिचालन शुरू हो जाएगा.

दूसरे फेज में कुर्था से बिजलपुरा तक पटरी का निर्माण मार्च 2019 तक पूरा करने का लक्ष्य है. तीसरे फेज में बिजलपुरा से बर्दीवास तक 16 किलोमीटर लाइन बिछाई जाएगी. ये काम दिसंबर 2019 तक पूरा हो जाएगा. तब जयनगर से बर्दीबास तक ट्रेन चलेगी.

अंग्रेजों के जमाने से जयनगर जनकपुर के बीच नैरोगेज की खिलौना रेल (टॉय ट्रेन) चलती थी. भाप से चलने वाली इस गाड़ी को जनकपुर तक की 27 किलोमीटर दूरी तय करने में 2 से 3 घंटे तक का समय लगता था. गाड़ी खींचने वाले इंजनों के नाम भी तब ठेठ सनातनी होते थे- सूर्य, चन्द्र, त्रिभुवन. गाड़ी के लिए कभी कोयले की सप्लाई नहीं हो पाती थी तो लकड़ी से भी काम चलता था. यानी सरहदिया गाड़ी केवल चल भर रही थी.

फिर चंद्रशेखर प्रधानमंत्री बने तो नेपाल की इस एकमात्र रेलवे को डीजल इंजन का तोहफा दिया. तब रफ्तार थोड़ी बढ़ी. पिछले लगभग एक दशक से ये ट्रेन बंद है और बड़ी रेल लाइन की कवायद चल रही है. अब देखते है ये नई डेडलाइन कब तक पूरी होती है.

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