पाकिस्तान की एक जेल में पिछले 18 वर्ष से बंद भारतीय नागरिक सरबजीत सिंह की मौत की सजा के खिलाफ दाखिल याचिका इस्लामाबाद स्थित सुप्रीम कोर्ट के पिछले दिनों खारिज कर देने के बाद उसे एक नया वकील मिल गया है.
पुराने वकील पर नहीं रहा भरोसा
सरबजीत की बहन दलबीर कौर ने शनिवार को कहा कि उनके भाई का अब तक प्रतिनिधित्व कर रहे वकील राना अब्दुल हमीद पर उन्हें अब और भरोसा नहीं है. पाकिस्तान में 1990 में हुए 4 विस्फोटों में कथित संलिप्तता के मामले में सरबजीत को वर्ष 1991 में मौत की सजा सुनायी गयी थी. सरबजीत की सजा को चुनौती देती पुनरीक्षा याचिका पर हाल ही में हुई सुनवाई की दो कार्यवाही के दौरान वकील के मौजूद नहीं रहने पर भी दलबीर ने सवाल उठाया.
महंगा पड़ा था वकील का अनुपस्िथत रहना
सरबजीत के नये वकील ओवेस शेख ने कहा कि हमीद की उपेक्षा के कारण ही पुनरीक्षा याचिका खारिज हो गयी और अब वह अदालत में ताजा याचिका दाखिल करेंगे. शेख ने इस्लामाबाद में कहा, मैं पुनरीक्षा याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल करूंगा. यही एक तरीका उपलब्ध है. अगर यह खारिज हो गयी तो एकमात्र तरीका पाकिस्तान के राष्ट्रपति के समक्ष क्षमा याचिका दाखिल करने का बचेगा.