श्रीनगर में आयोजित कार्यक्रम में नेशनल कांफ्रेंस के पार्टी राज्य प्रतिनिधियों ने पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला को एक बार फिर पार्टी का अध्यक्ष चुन लिया है. इस मौके पर नेशनल कांफ्रेंस ने जम्मू-कश्मीर की स्वायत्तता को लेकर एक रिजॉल्यूशन भी पारित किया.
इस मौके पर जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा, "हम स्वायत्तता चाहते हैं. इसे हम पाकिस्तान से नहीं भारतीय संविधान से चाहते हैं. लाल किले से कश्मीर पर बात करने में प्रधानमंत्री जी को 3 साल लग गए."
नेशनल कांफ्रेंस की बैठक में उमर अब्दुल्ला ने आगे कहा, "कश्मीर की समस्या का हल बातचीत से ही निकल सकता है. इसका कोई अन्य विकल्प नहीं है. जम्मू-कश्मीर मसला पैसों और गोलियों के दम पर नहीं सुलझ सकता है. यह केवल बातचीत से ही सुलट सकता है. कश्मीर के महाराजा चाहते थे कि जम्मू, कश्मीर और लद्दाख को स्वतंत्रता मिलनी चाहिए. हम उलझन में हैं, आपने वार्ताकार की घोषणा की, लेकिन बहुत से वक्तव्य आ रहे हैं. आगे बढ़ने का संवाद ही एकमात्र तरीका है. उनका मानना है कि हम मर चुके हैं लेकिन हम जिंदा हैं और जिंदा रहेंगे."
उमर ने आगे कहा, "स्वायत्तता हम भारत के संविधान से चाहते हैं पाकिस्तान या किसी दूसरे से नहीं... हमारा भारत के साथ विलय नहीं हुआ था, हमारे पास अपना खुद का संविधान है, हमारा अपना निशान है. दूसरे राज्यों के साथ इस राज्य की तुलना मत कीजिए. यह संविधान में लिखा है और हम भारतीय संविधान के दायरे में बात करते हैं. लेकिन अगर यह राष्ट्रीय विरोधी है तो आप किस बात की बात कर रहे हैं.
कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान फारूक अब्दुल्ला ने आरोप लगाया कि नेशनल कांफ्रेंस को नुकसान पहुंचाने के लिए श्रीनगर में दिल्ली से धन आ रहा है. उन्होंने कहा कि नेशनल कांफ्रेंस कभी नहीं मरेगी यह हमेशा जिंदा रहेगी.
जम्मू-कश्मीर के विभिन्न जिलों से इस कार्यक्रम में भाग लेने सैकड़ों कार्यकर्ता श्रीनगर पहुंचे थे.