नक्सलवाद को ‘‘आतंरिक सुरक्षा के लिए सबसे बड़ी समस्या’’ करार देते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने रविवार को कहा कि केन्द्र और राज्य सरकारों को इस समस्या से निपटने के लिए ‘‘सभी तरह के कदम’’ उठाने पड़ेंगे.
सिंह ने कहा, ‘‘देखिये, मैं कई बार कह चुका हूं कि नक्सल समस्या हमारे समक्ष आतंरिक सुरक्षा का सबसे बड़ा मुद्दा है. हमें इसे नियंत्रित करने के लिए हर तरह के कदम उठाने पड़ेंगे.’’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘कानून एवं व्यवस्था की मशीनरी को मजबूत बनाना पड़ेगा. इसी के साथ हमें आर्थिक एवं सामाजिक कारणों को दूर करने लिए कदम उठाने पड़ेंगे जिससे अलगाववाद बढ़ता है.’’ उन्होंने झारखंड और पश्चिम बंगाल में नक्सल गतिविधियों में बढोत्तरी के संबंध में पूछे गये एक सवाल के जवाब में यह बात कही.
पिछले हफ्ते उनकी पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य से हुई मुलाकात के बारे में पूछने पर प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हमारे राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ गोपनीयता से मैंने जो विचार विमर्श किया उसका मैं खुलासा नहीं करूंगा लेकिन यह बात मैं सार्वजनिक तौर पर कह चुका है कि नक्सलवाद समस्या पर नियंत्रण के लिए कदम उठाने की जिम्मेदारी केन्द्र और राज्य, दोनों सरकारों की है.’’ भट्टाचार्य की प्रधानमंत्री से 12 अक्टूबर को मुलाकात हुई थी जिसमें नक्सल मुद्दे पर चर्चा की गयी थी.