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नेशनल हेराल्डः यंग इंडिया कंपनी को 10 करोड़ जमा करने का आदेश

उच्च न्यायालय ने आयकर विभाग को निर्देश दिया कि वह 249.15 करोड़ रुपये की मांग पर दबाव न बनाए. अदालत ने याचिका पर आयकर विभाग से जवाब मांगा और मामले की अगली सुनवाई 24 अप्रैल तय कर दी.

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 सोनिया और राहुल गांधी
सोनिया और राहुल गांधी

दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड (वाईआई) को 249.15 करोड़ रुपये के आयकर मामले में 10 करोड़ रुपये जमा करने का आदेश दिया. इस कंपनी के अधिकांश शेयर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और उनकी मां सोनिया गांधी के पास हैं.

न्यायमूर्ति एस. रवींद्र भट्ट और न्यायमूर्ति ए.के. चावला की पीठ ने 31 मार्च से पहले आयकर विभाग को आधी रकम और बाकी राशि 15 अप्रैल तक जमा करने को कहा है.

उच्च न्यायालय ने आयकर विभाग को निर्देश दिया कि वह 249.15 करोड़ रुपये की मांग पर दबाव न बनाए. अदालत ने याचिका पर आयकर विभाग से जवाब मांगा और मामले की अगली सुनवाई 24 अप्रैल तय कर दी.

कंपनी ने अदालत से समीक्षा वर्ष 2011-12 के लिए आयकर अधिनियम की धारा 156 के तहत 249.15 करोड़ रुपये की कर और ब्याज वसूली के लिए 27 दिसंबर को जारी की गई नोटिस पर रोक लगाने का अनुरोध किया था.

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कंपनी ने कहा कि वह एक चैरिटेबल संस्था है और इसकी कोई आय नहीं है. आयकर विभाग ने गलत तरीके से समीक्षा वर्ष 2011-12 के लिए 249 करोड़ रुपये की मांग की है.

बता दें कि बीजेपी के नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने वाईआई द्वारा एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) के अधिग्रहण में धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई थी. एजेएल नेशनल हेराल्ड का प्रकाशन करने वाली कंपनी थी. वाईआई कंपनी में सोनिया गांधी व राहुल गांधी के पास 38-38 फीसदी हिस्सेदारी है.

कंपनी ने अपने खिलाफ आयकर विभाग की कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग को लेकर 14 मार्च को उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी. यंग इंडियन ने नेशनल हेराल्ड अखबार के मालिकाना हक वाली एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड (एजेएल) की तकरीबन पूरी हिस्सेदारी हासिल कर ली थी. आयकर विभाग उस शिकायत की जांच कर रहा है जिसमें आरोप लगाया गया है कि गांधी परिवार ने एसोसिएट जर्नल्स लि. के अपने हिस्से के शेयर नवगठित कंपनी यंग इंडियन को हस्तांतरित करते समय इसकी संपत्ति कथित रूप से हड़प ली.

इस मामले में जांच के बाद आयकर विभाग ने यंग इंडियन के खिलाफ यह कदम उठाया. बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने एक निचली अदालत में एक निजी फौजदारी शिकायत में गांधी परिवार और अन्य पर मात्र 50 लाख रुपये का भुगतान कर धोखाधड़ी करने की साजिश रचने और अनियमितता बरतने का आरोप लगाया था. दरअसल, इस गतिविधि के जरिये यंग इंडियन ने 90.25 करोड़ रुपया हासिल करने का अधिकार प्राप्त किया था. 

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