बीजेपी में नरेंद्र मोदी को पीएम उम्मीदवार घोषित करने को लेकर घमासान दूसरे दिन भी जारी है. माना जा रहा है कि 17 सितंबर को मोदी के जन्मदिन से पहले किसी भी वक्त मोदी के नाम का बीजेपी औपचारिक तौर पर ऐलान कर सकती है.
रविवार को हुई बैठक में बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, सुषमा स्वराज, अरुण जेटली, मुरली मनोहर जोशी, पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह और नरेंद्र मोदी ने भाग लिया. आडवाणी और सुषमा मोदी को प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी बनाये जाने के खिलाफ हैं.
गुजरात के मुख्यमंत्री रविवार शाम को ही अहमदाबाद के लिए रवाना हो गये. इस दो दिवसीय बैठक में पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह, लाल कृष्ण आडवाणी, नरेंद्र मोदी, सुषमा स्वराज समेत तमाम बड़े नेता शामिल हैं. सूत्रों के मुताबिक संघ मोदी के नाम पर और देरी के पक्ष में नहीं है.
रविवार से शुरू हुई दो दिवसीय यह बैठक लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर समन्वय रणनीति पर चर्चा करने के लिए बुलायी गयी है. यह बैठक शनिवार को आरएसएस की इस घोषणा के बाद हो रही है कि उसने प्रधानमंत्री प्रत्याशी के बारे में बीजेपी को अपनी राय से अवगत करा दिया है.
बैठक में बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, सुषमा स्वराज, अरुण जेटली, मुरली मनोहर जोशी, पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह और नरेंद्र मोदी ने भाग लिया. आडवाणी और सुषमा मोदी को प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी बनाये जाने के खिलाफ हैं. गुजरात के मुख्यमंत्री रविवार शाम को ही अहमदाबाद के लिए रवाना हो गये, क्योंकि उन्हें सोमवार को वाइबरेंट गुजरात ग्लोबल शिखर बैठक का उद्घाटन करना है. बीजेपी सूत्रों ने बताया कि पार्टी के प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी की घोषणा 20 सितंबर को की जा सकती है.
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने मोदी के नाम पर सहमति बनाने के लिए आडवाणी और सुषमा के साथ पहले ही बैठक की थी. आरएसएस का प्रतिनिधित्व महासचिव सुरेश भैयाजी जोशी और संयुक्त महासचिव सुरेश सोनी तथा दत्तात्रेय होसबोले कर रहे थे, जबकि विहिप के प्रवीण तोगड़िया भी मौजूद थे.
बैठक में भागीदारों ने बीजेपी की चुनावी रणनीति पर विचार-विमर्श किया और पार्टी के पक्ष में युवा मतदाताओं के समर्थन को वोट में बदलने की जरूरत महसूस की. बैठक में प्रखंड स्तर के लोगों को आगे बढ़ाने की जरूरत जैसे मुद्दों पर चर्चा हो रही है. इसमें संघ के संगठनों के बीच बेहतर समन्वय के लिए रणनीति पर खाका भी तैयार किया जाएगा.
संघ के संगठन अल्पसंख्यकों, अनुसूचित जातियों, अति पिछड़ा वर्ग के लोगों, आदिवासियों, महिलाओं और युवाओं तक पहुंचने के कार्यक्रमों की योजना बनाएंगे. उत्तर प्रदेश में विहिप की यात्रा का कार्यक्रम (जिसे इजाजत नहीं दी गई) और साप्रम्दायिक दंगे सहित अन्य मुद्दों पर भी चर्चा हुई.
सूत्रों ने बताया कि बीजेपी के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और मनोहर पार्रिकर को भी सम्मेलन में हिस्सा लेना था, लेकिन उनके आने की संभावना नहीं है. 2004 और 2009 में लगातार दो आम चुनावों में हारने के बाद बीजेपी, आरएसएस और संघ समर्थित संगठन अगले चुनावों में पार्टी की संभावना को लेकर आशान्वित हैं.