शोभन सरकार न हो गए संघ परिवार हो गया, जिसके सामने नरेंद्र मोदी दंडवत करते ही जा रहे हैं. सोमवार सुबह उन्होंने ट्वीट कर उन्नाव के एक गांव में बसे इस संत के प्रति श्रद्धा जताई तो शाम तक उनके दूत और पिछले लोकसभा चुनाव में कानपुर सीट से बीजेपी के प्रत्याशी रहे विधायक सतीश महाना भी संत की शरण में पहुंच गए.
उन्होंने आज तक से बातचीत में कहा कि संत शोभन सरकार ने नरेंद्र मोदी को क्षमा कर दिया है. उनके मुताबिक मोदी का कुछ दिनों पहले चेन्नई एयरपोर्ट पर दिया गया बयान, किसी संत की अवमानना नहीं था, बल्कि केंद्र सरकार की काले धन पर नाकामी को लक्ष्य कर था.
मसला ये है कि जो नरेंद्र मोदी तर्क, आंकड़े और विचार के दम पर युवा भारत का नेता बनने की बात करते हैं. जिनकी बात बाबा के सपने और उसमें पनपे खजाने की खोज में जुटे तंत्र पर कटाक्ष और वह भी मौजूं कटाक्ष लग रही थी. अचानक क्या हो गया कि उनके तर्क किनारे लग गए और हिंदूवादी झुकाव सामने आने लगा. और देखिए तो विरोधियों को. उन्होंने भी मोदी के इस यू टर्न के दौरान मिर्च लगाने में देर नहीं की.
बिहार के सीएम नीतिश कुमार ने आज ही बयान जारी कर कहा कि सपने के आधार पर यूं मिट्टी खोदना बकवास है और इससे देश में गलत संदेश गया है. मोदी विदेश की चिंता कर रहे थे, अब नीतिश देश की कर रहे हैं और इन सबके बीच बस एक शख्स मुस्कुराए जा रहा है, जिसे कुछ दिनों पहले तक कानपुर के आसपास के इलाकों के अलावा कोई नहीं जानता था.
ये सरकार बहुत अचानक बनी और अब हर कोई इसके इर्द गिर्द अपनी सियासत साध रहा है.रही मोदी की बात, तो उन्होंने लपका हुआ सियासी मौका गंवा दिया. संकेत तभी मिल गए थे, जब शनिवार की कानपुर रैली में मोदी खजाने और बाबा के सपने पर चुप रहे.