टीम इंडिया के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने ट्वीटर पर लिखा है कि टीम चयन में मेरी राय ली जाती है, मेरी मर्जी नहीं चलती और इसका फर्क आप समझ सकते हैं.
धोनी का ये बयान तीन टुकड़ों में है और उनके कहने का मतलब समझने के लिए हमें उनके ट्वीट के हर हिस्से पर गौर करना पड़ेगा. उनके ट्वीट का पहला हिस्सा कहता है कि टीम चयन में उनकी राय ली जाती है, यानि वो किसे टीम में रखना चाहते हैं और किसे नहीं इसके बारे में सेलेक्टर्स उनसे पूछते जरूर हैं पर उनकी राय का होता क्या है. ये बात उनके ट्वीट की दूसरी लाइन से समझी जा सकती है. उन्होंने लिखा है कि मेरी मर्जी नहीं चलती. मतलब साफ है, की धोनी की हदें सिर्फ राय देने तक ही सीमित होती है. टीम में किसे रखना है और किसे नहीं ये फैसला सेलेक्टर्स ही लेते हैं.
अब जरा धोनी के ट्वीट की तीसरी लाइन पर गौर करें तो यहां धोनी ने लिखा है कि फर्क आप समझ सकते हैं. य़हां फर्क है राय लेने और मर्जी चलाने में यानि जरूरी नहीं की जो राय धोनी रख रहे हैं उसपर अमल भी हो. मतलब साफ है धोनी एक ऐसी टीम का मैदान में नेतृत्व कर रहे होते हैं जिसमें कई खिलाड़ी उनकी पसंद के नहीं भी हो सकते हैं.