मुस्लिम लड़कियों को लेकर अपने एक सर्कुलर के कारण मुंबई पुलिस विवादों में घिर गई है. आरोप है कि इसमें कहा गया है कि एक मुस्लिम संस्था लड़कियों को जिहाद के लिए ट्रेनिंग दे रही है.
बॉम्बे हाई कोर्ट ने सोमवार को इस सर्कुलर के खिलाफ जमीयत-ए-इस्लामी हिंद की तरफ से दाखिल एक याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है. याचिका में आरोप लगाया गया है कि सर्कुलर मानहानिपूर्ण है और इसका इरादा जीआईओ की प्रतिष्ठा खराब करना है.
सर्कुलर में कथित तौर पर जमात से जुड़े संगठन गर्ल्ज इस्लामिक ऑर्गेनाइजेशन (जीआईओ) के बारे में कहा गया है कि वह मुस्लिम युवतियों के विचारों को प्रभावित करता है और उन्हें जिहाद के लिए प्रशिक्षण देता है. हाई कोर्ट के जस्टिस एससी धर्माधिकारी की अध्यक्षता वाली बेंच ने महाराष्ट्र सरकार से पूछा कि पुलिस सर्कुलर मीडिया में कैसे लीक हुआ, जिसने इसकी सामग्री छापी है.
'हमें नहीं पता मीडिया तक कैसे पहुंचा सर्कुलर'
दूसरी ओर, पुलिस विभाग ने एक हलफनामा दायर कर इस बात से इनकार किया है कि उसने मीडिया को सर्कुलर की सामग्री लीक की थी. विभाग ने कहा कि यह पता करना मुश्किल है कि मीडियाकर्मियों तक यह मामला कैसे पहुंचा.
मुस्लिम संगठन जमात -ए-इस्लामी हिंद ने कहा कि उसने मुस्लिम युवतियों के फायदे के लिए जीआईओ को बढ़ावा दिया है. जमात ने कहा कि मार्च 2013 के तीसरे हफ्ते में शहर पुलिस की विशेष शाखा ने एक सर्कुलर जारी किया था, जिसमें कहा गया कि जीआईओ का उददेश्य न सिर्फ मुस्लिम युवतियों को उनके धर्म के बारे में जागरूक करना है, बल्कि उनके विचार प्रभावित करना और उन्हें जिहाद के लिए प्रशिक्षित करना भी है.